राहुल ने छोड़ा कांग्रेस अध्यक्ष पद, कहा- पार्टी के विस्तार के लिए जवाबदेही तय करना जरूरी
नई दिल्ली, 03 जुलाई (हि.स.)। राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ दिया है। उन्हेांने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए एक भावुक पत्र लिखा है। राहुल ने पार्टी की हार की जिम्मेदारी खुद उठाई है और कहा है कि भविष्य में पार्टी के विस्तार के लिए जवाबदेही तय करना जरूरी है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने पत्र में कहा है कि पार्टी को दोबारा खड़ा करने के लिए सख्त निर्णय लेने की जरूरत है, जवाबदेही तय करने की जरूरत है। ऐसे में केवल दूसरों की जिम्मेदारी तय करना और खुद की जवाबेही तय न करना गलत होगा। उन्होंने कहा कि 2019 में कांग्रेस पार्टी ने किसी एक राजनीतिक दल से नहीं बल्कि सरकार की पूरी मशीनरी से चुनाव लड़ा है। यह स्पष्ट हो चुका है कि एक समय देश जिस संस्थागत निष्पक्षता का जश्न मनाता था, वह अब कहीं नहीं है।
राहुल ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का देश के संस्थागत ढांचे को कब्जाने का मकसद पूरा हो गया है। हमारा लोकतंत्र अब बुनियादी रूप से कमजोर हो गया है। उन्हें भय है कि अब आने वाले सभी चुनाव केवल औपचारिकता बनकर रह जाएंगे। देश को इसके खिलाफ एकजुट होना होगा और कांग्रेस पार्टी ही इसका औजार बनेगी।
चुनाव के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि संस्थानों के निष्पक्ष हुए बिना इनका स्वतंत्र और निष्पक्ष होना संभव नहीं है। निष्पक्ष चुनावों के लिए आजाद पत्रकारिता, स्वतंत्र न्यायपालिका, पारदर्शिता बरतने वाला चुनाव आयोग और सबसे अधिक वित्तीय संसाधनों पर किसी एक पार्टी का एकाधिकार न होना जरूरी है।
राहुल ने कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी से नफरत नहीं करते हैं, लेकिन उनका रोम-रोम भाजपा की भारतीय परिकल्पना का विरोध करता है। यह कोई नई लड़ाई नहीं है बल्कि हजारों साल से भारत भूमि में लड़ी जा रही है। ‘जहां वह अंतर देखते हैं वहां मुझे समानता दिखती है, जहां वह नफरत देखते हैं, मुझे प्यार दिखता है, जहां वह डर देखते हैं, मैं आलिंगन करता हूं।’ यह भारत का विचार है जिसका हमें जोरदार तरीके से बचाव करना होगा।
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि वह इस लड़ाई से भाग नहीं रहे हैं। ‘मैं कांग्रेस पार्टी का समर्पित सैनिक हूं और भारत का लाल हूं और उसके लिए अपनी अंतिम सांस तक सेवा और संरक्षण करता रहूंगा।’ अगले पार्टी अध्यक्ष के बारे में जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें लगता है कि अपने किसी उत्तराधिकारी को तय करना सही नहीं होगा। पार्टी का अपना समृद्ध इतिहास रहा है और उन्हें विश्वास है कि पार्टी सही निर्णय लेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति को अगला अध्यक्ष चुनने के लिए एक समूह तैयार करना चाहिए। यह समूह नए अध्यक्ष की खोज करेगा।
सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री की जीत उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को नकार नहीं देती । भारत माता का सच्चा स्वरूप सबके विचारों को सम्मलित करना है। आज भाजपा भारतीयों की आवाज और विचार दबाने में लगी है, जिसका कांग्रेस पार्टी और उसके कार्यकर्ताओं को मुकाबला करना होगा।