हरियाणा की हार पर फूटा राहुल का गुस्सा !

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हरियाणा विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने स्थानीय नेताओं को जमकर फटकार लगाई है. हार की समीक्षा के लिए पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर एक बैठक बुलाई गई थी. सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी ने हार का ठीकरा सीधे-सीधे स्थानीय नेताओं पर फोड़ते हुए कहा कि उन्होने अपने हितों को पार्टी के हित से ऊपर रखा इसलिए चुनाव में मुंह की खानी पड़ी.

कांग्रेस पार्टी की बैठक में अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के अलावा संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष उदय भान, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राज्य प्रभारी दीपक बाबरिया, हरियाणा पर्यवेक्षक अशोक गहलोत, अजय माकन और प्रताप सिंह बाजवा शामिल हुए.

खास बात ये रही कि हरियाणा में पार्टी के तीन प्रमुख चेहरों कुमारी शैलजा, रणदीप सुरजेवाला और कैप्टन अजय यादव को बैठक से दूर रखा गया. 

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के पीछे इन नेताओं के असहयोग को भी बड़ी वजह माना जा रहा है. पूरे चुनाव कैंपेन के दौरान राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा औऱ कुमारी शैलजा के बीच टकराव की खबरें आती रही और इस दौरान कुमारी शैलजा अलग-थलग ही रही . माना जा रहा है कि इसका सीधा असर चुनाव परिणाम पर पड़ा. 

समीक्षा बैठक के बाद पार्टी नेता अजय माकन ने कहा कि, हरियाणा चुनाव के नतीजे चौंकानेवाले और अप्रत्याशित है. उन्होने कहा कि हार के कारणों की आज हमने समीक्षा की और आगे भी विश्लेषण जारी रखेंगे.

ऐसी खबरें आ रही है कि हरियाणा में हार की जांच के लिए एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई जाएगी जिसकी जल्द ही घोषणा की जाएगी.

इस बीच कांग्रेस पार्टी के भीतर से पिछड़ों की उपेक्षा करने की आवाजें भी उठने लगी है. हरियाणा में पार्टी के प्रमुख चेहरों में से एक कैप्टन अजय सिंह यादव ने मुखर होकर पिछड़ों की उपेक्षा के आरोप लगाए हैं. पार्टी के कई और नेता भी उनके सुर में सुर मिला रहे हैं.  गौरतलब है कि राहुल गांधी पिछले कुछ समय से लगातार बीजेपी पर पिछड़ों और दलितों की अनदेखी का आरोप लगाते रहे हैं.  लेकिन अब अपनी ही पार्टी के भीतर खुद उन पर  ऐसे ही आरोप लगने शुरू हो गए हैं. 

हाल ही में संपन्न हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी शिकस्त देकर बीजेपी तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है. बीजेपी ने 90 विधानसभा सीटों में अड़तालिस पर जीत हासिल की है जबकि कांग्रेस सैंतिस पर सिमट कर रह गई.


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