नई दिल्ली, 13 दिसम्बर (हि.स.)। राहुल गांधी के ‘रेप इन इंडिया’ वाले बयान पर शुक्रवार को संसद में हंगामा हुआ और दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित हुई। इस बयान पर राहुल गांधी का कहना है कि वह माफी नहीं मांगेंगे।
राहुल गांधी इस संबंध में लोकसभा में बयान भी देना चाहते थे लेकिन अध्यक्ष ने उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं दी। इसके बाद संसद के बाहर पत्रकारों से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि वह इस विषय पर माफी नहीं मांगेंगे। उन्होंने कहा कि वह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि उनका मतलब था कि प्रधानमंत्री बार-बार मेक इन इंडिया की बात करते हैं लेकिन समाचारों में इसके बजाय दुष्कर्म के मामले दिखाई देते हैं।
राहुल गांधी ने झारखंड की रैली में प्रधानमंत्री मोदी की नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार से देश में दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं को जोड़ते हुए यह बयान दिया था।
इस संबंध में लोकसभा में हुए हंगामे में केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था कि यह भारत का अपमान है। देश का हर पुरुष दुष्कर्मी नहीं है। राहुल गांधी 50 साल के होने जा रहे हैं और वह इतना भी समझ नहीं पा रहे कि उनका बयान दुष्कर्म को निमंत्रण देने जैसा है।
शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा था कि भाजपा सांसद साध्वी निरंजन ज्योति के सदन के बाहर दिए बयान पर उन्होंने सदन में माफी मांगी थी। ऐसे ही राहुल गांधी को इस आपत्तीजनक बयान पर माफी मांगनी चाहिए।
इसके बाद स्मृति ईरानी ने कहा कि राहुल ने सार्वजनिक तौर पर बयान दिया कि देश में दुष्कर्म होना चाहिए। कांग्रेस नेता दुष्कर्म जैसे गंभीर मुद्दे पर घटिया राजनीति कर रहे हैं। गांधी परिवार से कोई व्यक्ति ऐसा बयान दे यह शर्मनाक है।
इस दौरान सत्ता पक्ष ने विपक्ष में बैठी महिला सांसदों राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की नेत्री सुप्रीया सुले और द्रमुक नेत्री कन्नीमोझी से कहा कि वो बयान दें। कन्नीमोझी ने कहा कि प्रधानमंत्री की ‘मेक इन इंडिया’ का सम्मान करती हैं। विपक्ष चाहता है देश आगे बड़े। राहुल गांधी ने कहा था कि दुर्भाग्य से देश में ‘मेक इन इंडिया’ नहीं बल्कि देश में महिलाओं के साथ दुष्कर्म हो रहा है।