नई दिल्ली, 16 जुलाई (हि.स.)। फ्रांस से अत्याधुनिक फाइटर जेट्स राफेल की पहली खेप में 6 विमान 27 जुलाई को भारत पहुंच जायेंगे लेकिन इससे पहले ही गुरुवार को उसकी मिटयोर मिसाइल अंबाला पहुंच गई है। इस मिसाइल की रेंज करीब 150 किलोमीटर है जो हवा से हवा में मार करने के मामले में दुनिया के सबसे घातक हथियारों में गिनी जाती है। इसके अलावा राफेल में लगने वाले अन्य उपकरण भी भारत पहुंचने लगे हैं।
यह फ्रांसीसी लड़ाकू विमान उल्का बीवीआर एयर-टू-एयर मिसाइल (बीवीआरएएएम) की अगली पीढ़ी है जिसे एयर-टू-एयर कॉम्बैट में क्रांति लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। राफेल जेट मिसाइल प्रणालियों के अलावा विभिन्न विशिष्ट संशोधनों के साथ भारत आएंगे, जिसमें इजरायल हेलमेट-माउंटेड डिस्प्ले, रडार चेतावनी रिसीवर, कम बैंड जैमर, 10 घंटे की उड़ान डेटा रिकॉर्डिंग, इन्फ्रा-रेड सर्च और ट्रैकिंग सिस्टम शामिल हैं। लड़ाकू विमान राफेल के पहले दस्ते को अंबाला एयरबेस में तैनात किया जाएगा। इसीलिए विमान में लगने वाले इन्हीं उपकरणों की खेप वायुसेना के अंबाला एयरबेस पर पहुंची है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 2 जून को फ्रांस की रक्षा मंत्री सुश्री फ्लोरेंस पैली से टेलीफोन पर बात की जिसमें उन्होंने समय पर विमानों की आपूर्ति और उससे पहले राफेल से सम्बंधित उपकरणों के भारत पहुंचने का भरोसा दिलाया था। राफेल के आने से पहले ही उसकी मिटयोर मिसाइल पहले ही अंबाला पहुंच गई है। इस मिसाइल की रेंज करीब 150 किलोमीटर है जो हवा से हवा में मार करने के मामले में दुनिया के सबसे घातक हथियारों में गिनी जाती है। राफेल फाइटर जेट लंबी दूरी की हवा से सतह में मार करने वाली स्कैल्प क्रूज मिसाइल और हवा से हवा में मार करने वाली माइका मिसाइल से भी लैस है।