नई दिल्ली, 29 जुलाई (हि.स.)। राफेल के पहले पायलट एयर कोमोडोर हिलाल अहमद राठेर आज कश्मीरियों की खुशी का सबब बने हुए हैं। उन्हें राफेल की कॉकपिट में बैठे देखकर ट्विटर पर हैशटैग अनंतनाग ट्रेंड कर रहा है। दरअसल हिलाल दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के निवासी हैं, इसलिए कश्मीरी ट्विटर पर अपने जोश का इजहार कर रहे हैं। एयर कोमोडोर हिलाल अहमद राठेर ने राफेल की वक्त पर डिलीवरी सुनिश्चित कराई और भारत की जरूरतों के मुताबिक लगने वाले हथियारों को तय करने में भी अहम भूमिका निभाई है।
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के निवासी एयर कोमोडोर हिलाल अहमद राफेल उड़ाने वाले पहले पायलट हैं। उन्होंने अनंतनाग जिले के बख्शियाबाद स्थित सैनिक स्कूल से शिक्षा प्राप्त की है। उन्होंने कई पुरस्कार जीते हैं, जिनमें एनडीए में स्वॉर्ड ऑफ ऑनर, 2010 में वायु सेना पदक, 2016 में वशिष्ठ सेवा पदक है। राफेल की पहली खेप ने जब सोमवार को फ्रांस से भारत के लिए उड़ान भरी तो उस मौके पर एयर कोमोडोर हिलाल अहमद राठेर भी मौजूद थे। हिलाल के साथ फ्रांस में भारत के राजदूत जावेद अशरफ और राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉ एविएशन के चेयरमैन एरिक ट्रैपियर भी समारोह का हिस्सा थे। राठेर ने भारतीय वर्जन के राफेल में 13 नई कैपिटिसटी को शामिल करवाया। इसके अलावा राठेर ने भारतीय मौसम में राफेल को पूरी तरह से मारक बनाने के लिए कई तरह के हथियार लगवाए। फ्रांस में एयर अताशे राठेर के पिता रिटायर्ड डीएसपी हैं।
उन्होंने 17 दिसम्बर, 1988 को एक फाइटर पायलट के रूप में भारतीय वायुसेना में शामिल हुए। 1993 में वह फ्लाइट लेफ्टिनेंट, 2004 में विंग कमांडर, 2016 में ग्रुप कैप्टन और फिर 2019 में एयर कोमोडोर के पद पर पहुंच गए। उनके पास 3000 घंटे तक मिग-21, मिराज- 2000 और किरन एयरक्राफ्ट उड़ाने का अनुभव है। इंडियन एयर फोर्स की वेबसाइट पर एयर कोमोडोर हिलाल अहमद को दुनिया के सर्वोत्तम फ्लाइंग ऑफिसरों में शुमार बताया गया है। एयर कोमोडोर हिलाल अहमद राठेर को 2010 में वायु सेना मेडल से नवाजा गया था जब वो विंग कमांडर हुआ करते थे। 2016 में उन्हें विशिष्ट सेना मेडल से भी सम्मानित किया गया है। उस वक्त वो ग्रुप कैप्टन थे।
इस बात को लेकर कश्मीरियों में बेहद उत्साह देखा जा रहा है। ट्विटर पर #Anantnag टॉप ट्रेंड में है। कश्मीर के लोग इस बात पर फक्र कर रहे हैं कि राफेल में बैठने वाला पहला व्यक्ति उनके अनंतनाग का निवासी है। फातिमा डार ने ट्वीट किया कि राफेल को उड़ाने वाला पहला पायलट विंग कमोडोर हिलाल अहमद राठेर है, जो दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग का है। एनडीए से जब वह पास आउट हुए तो स्वॉर्ड ऑफ ऑनर जीता और वर्तमान में भारत के बेहतरीन फाइटर पायलटों में से एक हैं। राखी डोगरा ने लिखा- ऐसा नहीं है कि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में हमें केवल पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद मिला। हमारे देश को कई बहादुर नायक, सामाजिक कार्यकर्ता, डॉक्टर और इंजीनियर भी इस क्षेत्र से मिले हैं। उनमें से एक हिलाल अहमद अनंतनाग से भारतीय हैं। भात फरहाना लिखती हैं-अनंतनाग कश्मीर से विंग कमांडर हिलाल अहमद राठेर राफेल उड़ाने वाले पहले पायलट हैं। उन्होंने भारतीय परिस्थितियों के अनुसार राफेल की त्वरित डिलीवरी सुनिश्चित की।
ट्विटर पर नूरी बदत लिखतीं हैं-कश्मीरियों के लिए गर्व का क्षण ! फ्रांस में भारत के एयर अटैच दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग के रहने वाले एयर कमोडोर हिलाल अहमद राठेर ने राफेल फाइटर जेट्स की सुगम डिलीवरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो कल अंबाला में उतरेंगे। कैप्टन शुभेंदु कुमार कहते हैं- राफेल उड़ाने वाला वायुसेना का पहला पायलट सैनिक स्कूल, नगरोटा का पढ़ा विंग कमांडर हिलाल अहमद राठेर अनंतनाग कश्मीर से है। आज एयर कमोडोर हिलाल अहमद कश्मीर में रातों रात एक नाम बन गया है। शीतल भाट कहतीं हैं- यह वास्तव में एक गर्व का क्षण है कि एयर कमोडोर हिलाल अहमद उन कश्मीर के युवाओं के लिए एक मशाल वाहक हैं जो अपने रास्ते से भटक रहे हैं।
कुछ लोग तो हिलाल के जरिए पाकिस्तान को भी चिढ़ा रहे हैं। @Beingsajiddarr के ट्विटर हैंडल ने अक्टूबर 2019 का एक वीडियो शेयर किया जिसमें एयर कोमोडोर हिलाल अहमद राठेर राफेल की शस्त्र पूजा की तैयारियों में जुटे दिख रहे हैं। ट्वीट में कहा गया है, ‘प्रिय पाकिस्तान, कृपया इस वीडियो को देखो! एक कश्मीरी एयर कोमोडोर हिलाल अहमद राठेर राजनाथ सिंह की मौजूदगी में आयोजित समारोह में एक सिख ग्रुप कैप्टन आनंद के साथ शस्त्र-पूजा की तैयारी कर रहा है। अब खालिस्तान और कश्मीर पर रोते रहो।’