पंजाब ने लॉक डाउन /कर्फ्यू की अवधि 30 अप्रैल तक बढ़ायी

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चंडीगढ़ , 10 अप्रैल ( हि स ): पंजाब ने राज्य में कर्फ्यू की अवधि 30 अप्रैल तक बढ़ा दी है। ये अवधि 14 अप्रैल को समाप्त हो रही थी। आज , पंजाब मंत्री मंडल की बैठक में ऐसा निर्णय लिया गया। पंजाब के अतिरिक्त मुख्य सचिव के बी एस सिद्धू ने इसकी जानकारी दी। जबकि कल 11 अप्रैल को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सभी राज्यों के मुख्य मंत्रियों की वीडीओं कांफ्रेसिंग होनी है। परन्तु इसी दौरान पंजाब में गेंहू की फसल को देखते हुए किसानों के लिए योजनाबद्ध ढंग से छूट दी जाएगी।
मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज राज्य के सभी मंत्रियों के साथ वीडियों के मार्फ़त बैठक की। बैठक का मुद्दा राज्य में लॉक -डाउन / कर्फ्यू बढ़ाने , गेंहू की फसल ,जिसकी खरीद 15 अप्रैल से सरकार द्वारा शुरू की जानी है और राज्य की वित्तीय स्थिति को लेकर था। मंत्री मंडल बैठक से पूर्व मुख्य मंत्री का कहना था कि पंजाब सरकार लॉकडाऊन को बढ़ाने सम्बन्धी गंभीरता से विचार कर रही है क्योंकि पाबंदियाँ ख़त्म करने संबंधी अभी तक समय उपयुक्त नहीं लग रहा। पंजाब के मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि लॉकडाऊन असीमत समय के लिए नहीं हो सकता, इसके लिए पंजाब सरकार राज्य में से पाबंदियों को इस तरीके से ख़त्म करने के उपबंधों संबंधी विचार कर रही है जिससे कोरोनावायरस के चलते भी राज्य में आम जैसा कामकाज चालू हो सके। उन्होंने कहा कि उच्च -स्तरीय कमेटी जिसमें डॉक्टर, मैडीकल और अन्य क्षेत्रों के माहिर शामिल हैं, की तरफ से हालातों का जायज़ा लिया जा रहा है और इस कमेटी की तरफ से लॉकडाऊन को हटाने के तरीकों सम्बन्धी रिपोर्ट जल्द ही सौंपी जायेगी।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बैठक से पूर्व वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि गुरूवार को रिपोर्ट हुए 27 पॉजिटिव मामलों (जो अब तक राज्य के लिए एक दिन में आए सबसे अधिक केस हैं) की तरफ इशारा करते हुये उन्होंने कहा कि यह केस सेकंडरी ट्रांसमिशन के हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संकेत है कि राज्य कम्युनिटी ट्रांसमिशन की तरफ जा सकता है। उन्होंने साथ ही कहा कि अगामी सप्ताहों में स्थिति और गंभीर हो सकती है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि संकेत चाहे चिंता भरे हैं परन्तु हम हर स्थिति से पूरी ताकत से निपटने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि चाहे मौजूदा समय में पंजाब में ज़्यादातर राज्यों के मुकाबले मामले कम हैं परन्तु अगर महामारी और फैलती है तो राज्य अकेला नहीं रह सकता।

 


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