चंडीगढ़, 17 दिसंबर ( हि.स.)। पंजाब सरकार ने गुरुवार आधी रात को पंजाब के डीजीपी इकबाल प्रीत सिंह सहोता को बदल दिया है। उनकी जगह विजिलेंस के मुखिया सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है।
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा पंजाब में नियमित डीजीपी बनाए जाने के लिए 21 दिसंबर को बैठक रखी हुई है। यूपीएससी के मानदंडों और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार, राज्य सरकार द्वारा भेजे गए नामों के पैनल में किसी भी आईपीएस की कम-से-कम छह माह की सेवा बाकी होनी चाहिए। ऐसे में सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय इस मानदंड से बाहर हो जाते हैं।
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू लगातार सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को डीजीपी बनाने को लेकर सरकार पर दबाव बनाये हुए थे और इसी के चलते उन्होंने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा देने की पेशकश कर दी थी। सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय की भी नियुक्ति वैसी ही है जैसे डीजीपी इकबाल प्रीत सिंह सहोता की थी। वे भी कार्यवाहक डीजीपी थे।
इस नियुक्ति के पीछे का विवाद अकाली नेताओं की गिरफ्तारी को लेकर है, जिसमे ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन के प्रमुख एसके अस्थाना का पत्र लीक हुआ और जिसमें कहा गया था कि अगर हाई कोर्ट और इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट ने अकाली नेताओं के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की तो उसी आधार पर पुलिस कैसे कारवाई कर सकती है।