चंडीगढ़, 19 सितंबर (हि.स. )। पंजाब के चमकौर साहब से विधायक चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के 29 में मुख्यमंत्री होंगे। पंजाब कांग्रेस मामलों के प्रभारी हरीश रावत ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी। चन्नी कांग्रेस विधायक दल के नेता होंगे। दो दिन पहले तक कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में वह तकनीकी शिक्षा मंत्री थे ।
कैप्टन अमरिंदर सिंह के त्यागपत्र देने के बाद कांग्रेस में नए मुख्यमंत्री को लेकर चली उठापटक के बाद एक दलित चेहरे के रूप में चन्नी का नाम मुख्यमंत्री के रूप में तय किया गया है। वे तीसरी बार विधायक बने हैं। मुख्यमंत्री का नाम तय करने को लेकर कांग्रेस में काफी मतभेद होता रहा। सबसे पहले अंबिका सोनी का नाम मुख्यमंत्री के रूप में कांग्रेस की तरफ से तय किया गया था। वे पंजाब से संबंध रखती है लेकिन उन्होंने यह कहते हुए इंकार कर दिया कि मुख्यमंत्री के रूप में पंजाब में सिख चेहरा ही फायदेमंद रहेगा। इसके बाद पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ का नाम भी आया। वे लगातार विधानसभा और लोकसभा के दो चुनाव हारे थे, इसलिए उनका नाम भी काट दिया गया। इसके बाद डेरा बाबा नानक से विधायक और पूर्व मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम लगभग तय हो गया था और इसकी औपचारिक घोषणा की जानी थी । परंतु इस पर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने आपत्ति कर दी। हालांकि नवजोत सिंह सिद्धू और सुखजिंदर सिंह रंधावा काफी करीबी माने जाते हैं।
सुखजिंदर सिंह रंधावा के नाम पर तो सिद्धू बैठक छोड़कर चले गए। जाते जाते उन्होंने यह भी कहा के केवल जट्ट सिख ही क्यों? दलित सिख भी तो मुख्यमंत्री हो सकता है। इसके बाद दलित सिख के रूप में चरणजीत सिंह चन्नी का नाम मुख्यमंत्री के लिए आया। यह भी उल्लेखनीय है के कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार में चरणजीत सिंह चन्नी का नाम एक महिला अधिकारी से छेड़छाड़ के रूप में भी चर्चित रहा। पंजाब महिला आयोग ने तो बाकायदा इस मामले में संज्ञान भी लिया था।