जम्मू , 08 अगस्त (हि.स.)। केन्द्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को समाप्त करने व जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेश बना दिए जाने के चलते गुरुवार को भी जम्मू-कश्मीर व करगिल में धारा 144 लागू है जिसके चलते स्कूल-कॉलेज बंद हैं। आज कुछ संगठनों ने करगिल बंद का आह्वान किया था जिसके बीच कुछ शरारती तत्वों ने उग्र प्रदर्शन किया जिसे रोकने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग भी किया। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार पहुंचे कांग्रेस सांसद और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद और जम्मू-कश्मीर के कांग्रेस प्रमुख गुलाम अहमद मीर को श्रीनगर हवाई अड्डे पर रोक दिया गया।
कश्मीर व जम्मू में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। इसके अलावा डोडा, किश्तवाड़, बनिहाल और रामबन में 10 बजे से सायं 4 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षाबलों की 40 कम्पनियां जम्मू संभाग के जम्मू, डोडा, उधमपुर, रामबन, किश्तवाड़, राजौरी तथा पुंछ जिलों में अभी भी तैनात हैं। हालात को सामान्य रखने के मद्देनजर और हर तरह के हालात पर नजर बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी अभी कश्मीर घाटी में ही हैं। कश्मीर घाटी में धारा 144 लागू होने के बीच धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं। गुरुवार सुबह श्रीनगर के बाजारों में लोग जरूरी सामान खरीदते दिखाई दिए। श्रीनगर में फल की दुकानें, डेयरी, पेट्रोल पंप और मेडिकल दुकानें खुली हुई हैं और आम लोग आसानी से आ-जा रहे हैं।
केन्द्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को समाप्त करने से कश्मीर घाटी के ज्यादातर लोगों को इस बात की खुशी भी है कि अब वह राहत की सांस लेंगे। घाटी के स्थानीय लोगों का कहना है कि हमें कश्मीर घाटी में अमन और शान्ति चाहिए। 12 अगस्त को ईद के चलते प्रशासन घाटी में ढील की घोषणा कर सकता है और साथ ही लैंडलाइन सेवा को भी बहाल किया जा सकता है ताकि लोग ईद पर अपने रिश्तेदारों से बात कर सकें। कश्मीर घाटी में 20 अगस्त तक पाबंदियां जारी रह सकती हैं।
सोमवार देर शाम से ही नेशनल कांग्रेस के उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पीडीपी की अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती, पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन व इमरान अंसारी पुलिस हिरासत में ही हैं। नेशनल कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला सहित एक दर्जन मुख्यधारा के नेताओं व अलगाववादियों में सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज मौलवी उमर फारूक सहित प्रमुख अलगाववादी नेता भारी पुलिस फ़ोर्स तैनात होने से अपने-अपने घरों में ही नजरबंद हैं। इस सबके बीच प्रशासन ने पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला व महबूबा मुफ्ती से सरकारी सुविधाएं और स्टाफ हटाने का फैसला भी किया है। इसी बीच करीब 400 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। हिरासत में लिए गए लोगों में राजनीतिक नेता, कार्यकर्ता तथा कई अन्य शामिल हैं। हिरासत में लिए गए लोग कश्मीर घाटी की शांति को भंग करने का प्रयास कर सकते हैं जिसके चलते इन्हें हिरासत में लिया गया है।
दूसरी ओर जम्मू में भी धारा 144 लागू है और सुरक्षाबलों को पिछले तीन दिनों की तरह ही भारी संख्या में तैनात किया गया है। गुरुवार को जम्मू के ज्यादातर जिलों में अधिकतम बाजार खुले हुए हैं। लोग बिना किसी डर के खरीददारी करते दिखे व सड़कों पर सीमित संख्या में निजी व सार्वजनिक वाहन दौड़ते नज़र आए। सुरक्षाबलों ने जम्मू की सड़कों से कंटीले तारों को भी हटा लिया है। फिलहाल जम्मू संभाग के राजौरी, पुंछ, डोडा व किश्तवाड़ में मोबाइल के साथ मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद है। श्रीनगर में भी कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मोबाइल, इंटरनेट तथा ब्राडबैंड सेवा फिलहाल बंद रखी गई है। राज्य में गुरुवार को भी सभी शिक्षा संस्थानों को अगले आदेश तक बंद रखा गया है। गुरुवार को होने वाली सभी परीक्षाओं को भी रद्द कर दिया गया है।
दूसरी तरफ लेह-लद्दाख में जनजीवन आम दिनों की तरह सामान्य चल रहा है जबकि कारगिल में गुरुवार को बंद के आह्वान के चलते धारा 144 लागू है। करगिल में कुछ लोगों ने लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया है। लेह-लद्दाख में गुरुवार को भी स्कूल, कॉलेज एवं अन्य शैक्षणिक संस्थान सामान्य दिनों की तरह खुले रहे।