ई-कॉमर्स के प्रस्तावित नियम ई-व्यापार में विदेशी कंपनियों के वर्चस्व को करेगा खत्मः कैट

0

कैट ने ई-कॉमर्स नियमों के मसौदे पर संशोधन प्रस्ताव को उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय को भेजा



नई दिल्ली, 25 जुलाई (हि.स.)। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने प्रस्तावित ई-कॉमर्स नियमों के मसौदे को भविष्य में भारत में संरचित और पारदर्शी ई-व्यवसाय के लिए आदर्श दिशानिर्देश बताया। कैट ने ई-कॉमर्स नियमों के मसौदे पर अपने संशोधन प्रस्ताव को उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय को भेजे ज्ञापन में ई-व्यवसाय के सभी नियमों के अनुपालन के लिए एक निगरानी तंत्र की मांग भी की है।

कारोबारी संगठन कैट ने नियमों के उल्लंघन की स्थिति में उक्त तंत्र को दंडात्मक और अन्य कार्रवाई करने के लिए भी सशक्त बनाने का सुझाव दिया है। कैट ने कहा कि यह नियम ई-कॉमर्स व्यापार में विदेशी कंपनियों की दादागिरी को रोकेगा और ईस्ट इंडिया कंपनी बनने के मंसूबों को भी ध्वस्त करेगा।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने मसौदा नियमों का विरोध करने वाले विदेशी वित्त निवेश वाली ई-टेलर्स और कुछ प्रमुख उद्योग चेम्बर्स को उनके स्टीरियो टाइप रोने पर लताड़ा। उन्होंने कहा कि यह मसौदा नियमों को लागू न करने के लिए उद्योग चैम्बर्स उनके निहित स्वार्थ वाली कंपनियों का एक भयावह जाल है। खंडेलवाल ने कहा कि देश के 8 करोड़ से ज्यादा छोटे कारोबारी मसौदा नियमों के किसी भी तरह के गलत प्रचार का विरोध करने के लिए कटिबद्ध हैं।

उन्होंने कहा कि भारत में ई-कॉमर्स व्यवसाय का समावेशी विकास काफी हद तक 4 मुख्य बुनियादी बातों पर निर्भर करता है, जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के पारदर्शी संचालन, ई-कॉमर्स संस्थाओं में आसान पहुंच और शिकायत निवारण के पर्याप्त उपाय, मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म की गैर-भेदभावपूर्ण पहुंच, मूल्य-श्रृंखला के सभी हितधारकों के लिए विक्रेताओं और विभिन्न सेवा प्रदाताओं के बीच हितों के किसी टकराव से बचाव करना है। किसी भी इकाई में इक्विटी या आर्थिक हित रखने वाले किसी भी कंपनी को उक्त बाज़ार पर सामान बेचने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और इसे संबद्ध इकाई के रूप में माना जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि कैट ने अपने ज्ञापन में तर्क दिया है कि किसी भी ई-सिस्टम के माध्यम से व्यवसाय करने वाली ई-कॉमर्स संस्थाओं का पंजीकरण अनिवार्य है, जो एक अच्छी तरह से परिभाषित इको-सिस्टम की मजबूत नींव नींव रखेगा। दरअसल पंजीकरण से ई-कॉमर्स परिदृश्य की सीमा का पता लगाया जा सकता है। साथ ही उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी वाली ई-कॉमर्स कंपनियों से भी बचाया जा सकेगा। खंडेलवाल ने कहा कि पारदर्शिता किसी भी व्यावसायिक गतिविधियों की पहचान होती है। इसलिए प्रत्येक ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस को सभी हितधारकों के संबंध में पारदर्शी तरीके से कार्य करना चाहिए।

खंडेलवाल ने कहा कि इसमें ग्राहक, विक्रेता, लॉजिस्टिक्स पार्टनर और भुगतान की सुविधा बीना किसी रूकावट के समान स्तर पर मिले। इसलिए उक्त प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत प्लेटफॉर्म और विक्रेताओं के बीच सभी प्रकार के समझौते का खुलासा पारदर्शी तरीके से किया जाना चाहिए। इसमें पूर्व-खरीद चरण में उपभोक्ता को विक्रेता और उत्पादों के बारे में सभी जानकारी का खुलासा किया जाना चाहिए। इसके अलावा, ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस द्वारा उपयोग किए जाने वाले सर्च एल्गोरिथम को उपयोगकर्ताओं को पारदर्शी रूप से प्रकट और परिभाषित किया जाना चाहिए ताकि वे सूचित विकल्प बना सकें।

कैट महामंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि उपभोक्ता अपनी चिंताओं को हल करने के लिए मार्केटप्लेस संस्थाओं के वरिष्ठ शिकायत निवारण अधिकारियों तक पहुंच सकें। इसलिए शिकायत अधिकारी, नोडल अधिकारी और अनुपालन अधिकारी का प्रावधान प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म के लिए तीसरे पक्ष के विक्रेताओं के लिए एक तटस्थ मंच के रूप में कार्य करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, जहां ऐसे प्रत्येक विक्रेता के पास रसद सेवा प्रदाता, भुगतान गेटवे सिस्टम और प्रत्येक विक्रेता के संदर्भ में गैर-भेदभावपूर्ण पहुंच है होनी चाहिए। प्रत्येक ग्राहक के पास प्लेटफॉर्म पर प्रत्येक विक्रेता तक ऐसी पहुंच होनी चाहिए। मार्केटप्लेस संस्थाओं को डिलीवरी और वेयरहाउसिंग, भुगतान सेवाओं आदि सहित लॉजिस्टिक्स जैसी तृतीय पक्ष सेवाएं प्रदान करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

खंडेलवाल ने कहा कि ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस इकाई के संबंधित पक्षों सहित इन सेवाओं को प्रदान करने वाले सभी पक्षों को प्लेटफॉर्म पर पारदर्शी रूप से प्रकाशित करना चाहिए (i) शर्तें और ऐसी सेवाओं के लिए शर्तें; (ii) डिलीवरी शुल्क, वेयरहाउसिंग शुल्क, भुगतान सेवाओं के लिए शुल्क आदि; और (iii) अन्य सभी वाणिज्यिक शर्तें को पोर्टल पर साफ़ रूप से दिखाया जाए। इसके साथ ही ई-कॉमर्स नियम कुछ चुनिंदा विक्रेताओं को दी जा रही सब्सिडी को अलग-अलग तरीके से भारी छूट देकर समाप्त कर देंगे। इसी तरह भुगतान सेवा शुल्क पर छूट देकर उपभोक्ताओं को लुभाने और इन नियंत्रित व्यापारिक कंपनियों से खरीदने के लिए उन्हें प्रभावित करने के लिए संबद्ध भुगतान सेवा प्रदाताओं का उपयोग समाप्त हो जाएगा।


प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *