‘प्रोजेक्ट रीस्टार्ट’ में खिलाड़ियों का कोरोना टेस्ट स्वास्थ्य कर्मियों से पहले नहीं होना चाहिए: फोस्टर

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नई दिल्ली, 16 मई (हि.स.)। वाटफोर्ड के गोलकीपर बेन फोस्टर का कहना है कि प्रीमियर लीग के खिलाड़ियों का कोरोना टेस्ट मेडिकल कर्मियों से पहले करना गलत होगा। प्रीमियर लीग खिलाड़ियों के लिए दो बार साप्ताहिक कोरोना प्रशिक्षण अगले महीने प्रीमियर लीग को फिर से शुरू करने की योजना का हिस्सा है, जिसको ‘प्रोजेक्ट रीस्टार्ट’ नाम दिया गया है। प्रीमियर लीग के इस सत्र को कोरोना वायरस के चलते मार्च में निलंबित कर दिया गया था।
फोस्टर ने बीबीसी को बताया,’फुटबॉल खिलाड़ी आवश्यक मुख्य काम करने वाले नहीं होते हैं, हमारा परीक्षण फ्रंट लाइन वर्करों से पहले नहीं होना चाहिए।’ प्रोफेशनल फुटबॉल एसोसिएशन (पीएफए), प्रीमियर लीग के प्रमुखों और सरकार ने इस हफ्ते चीजों को फिर से शुरू करने के लिए सुरक्षा उपायों पर ऑनलाइन आयोजित सम्मेलन में चर्चा की। फोस्टर का कहना है कि खिलाड़ी अभी भी अनिश्चित हैं कि वास्तव में प्रोजेक्ट रीस्टार्ट काम कैसे करेगा।
उन्होंने कहा,’मुझे वास्तव में कोई अंदाजा नहीं है कि यह काम कैसे करेगा, इसका समाधान के साथ काम करना लगभग असंभव है।’ उन्होंने आगे बात करते हुए कहा, ‘मुझे कोई अंदाजा नहीं है कि हम ट्रेनिंग के वक्त मास्क कैसे पहनेंगे। यह सामान्य नहीं होगा, परिस्थितियां पूरी तरह से अलग होंगी। आप एक कोने सामाजिक दूरी कैसे रख सकते हैं? क्या एक गोलकीपर अपने दस्ताने पर थूक सकता है?’
12 जून प्रीमियर लीग को फिर से शुरू करने की प्रस्तावित तिथि है, लेकिन कई मुद्दों को अभी भी हल करने की आवश्यकता है। फोस्टर ने कहा कि आप फुटबॉल खेलने के लिए लोगों के स्वास्थ्य को खतरे में नहीं डाल सकते। स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण चीज है।

 


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