प्रियंका वाड्रा ने मुख्यमंत्री योगी को लिखा पत्र, लोगों को राहत देने के दिये सुझाव
लखनऊ, 13 मई (हि.स.)। कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक बार फिर पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कोरोना संकट के मद्देनजर मध्यम वर्ग, छोटे व्यापारी, किसानों, संविदा कर्मियों और दस्तकारों के लिए मदद की अपील करते हुए अपने सुझाव दिये हैं।
पत्र की शुरुआत में मुख्यमंत्री के पिता की मृत्यु पर जताया शोक
कांग्रेस महासचिव ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को पत्र भेजा है। पत्र की शुरुआत में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता की मृत्यु पर अपनी शोक संवेदना जताया है। उन्होंने लिखा है कि आपके पिता के निधन के बाद मैं पहली बार आपको पत्र भेज रही हूं। ईश्वर उनकी दिवंगत आत्मा को शान्ति दें।
हर वर्ग पर भयंकर आर्थिक मार, मदद करना अनिवार्य
उन्होंने पत्र में लिखा है कि कोरोना से पूरा जनजीवन प्रभावित है। हर वर्ग के ऊपर भयंकर आर्थिक मार पड़ी है। किसान, गरीब और मजदूर वर्ग विकट स्थिति में पहुंच गए हैं। आर्थिक संकट ने मध्य वर्ग और सामान्य नौकरीपेशा लोगों को भी अपनी चपेट में ले लिया है। कारोबारी और व्यापारी वर्ग के ऊपर अस्तित्व बचाने का संकट खड़ा हो गया है। इन वर्गों की मदद करना अनिवार्य हो गया है। इस संदर्भ में आपको मैं कुछ सुझाव भेज रही हूं। आशा है आपकी सरकार इन पर ध्यान देगी और जल्द ही निर्णय करेगी।
घर के लोन पर ब्याज दर शून्य की जाए, ईएमआई छह महीनों के लिए हो स्थगित
प्रियंका वाड्रा ने पत्र में लिखा है कि शिक्षा और घर के लोन का खर्च मध्य वर्ग की आर्थिक बुनावट का एक बड़ा हिस्सा होता है। ऐसे में प्राइवेट स्कूलों की फीसमाफी की घोषणा उनके लिए एक बड़ी राहत होगी। ऐसे समय में जब एक तरफ छंटनी हो रही है और तनख्वाहों में कटौती हो रही है मध्यम वर्ग के लिए घर के लोन की ईएमआई चुकाना एक बड़ी चुनौती बन गया है। उन्होंने कहा कि मेरा सुझाव है कि घर के लोन पर लगने वाली ब्याज दर को शून्य कर दिया जाय व ईएमआई जमा करने की बाध्यता को अगले छह महीनों के लिए स्थगित किया जाय।
किसानों के चार महीनों के ट्यूबवेल व घर के बिजली बिल हों माफ
कांग्रेस महासचिव ने पत्र में किसानों की समस्याओं पर लिखा है कि किसानों के लिए बिजली की बढ़ी हुई दरें चिंता का विषय बनी हुई हैं। मेरा सुझाव है कि किसानों के चार महीनों के ट्यूबवेल तथा घर के बिजली बिल माफ किए जाएं। उनके बकाया बिजली बिलों पर भी पेनल्टी व ब्याज माफ किए जाएं।
उन्होंने लिखा है कि किसानों के लोन पर भी चार महीने का ब्याज माफ हो। उनके किसान क्रेडिट कार्ड तथा अन्य लोन पर कटी हुई आरसी पर तुरंत रोक लगायी जाए और उस पर भी पेनल्टी और ब्याज माफ किया जाए। इसके साथ ही किसानों की सम्पूर्ण फसल खरीदने की गारंटी की जाए। गन्ना सहित सारे भुगतान तुरंत किए जाएं।
शिक्षा मित्र, आशाओं, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को दी जाए प्रोत्साहन राशि
प्रियंका वाड्रा ने पत्र में लिखा है कि शिक्षा मित्र, आशा बहनें, आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों, रोजगार सेवक, पंचायत मित्र व अन्य संविदा कर्मी जो कोरोना संकट में हर स्तर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं और स्थानीय प्रशासन के साथ सरकार के निर्देशों का पालन करवाने में जी-जान से लगे हैं। इनकी सेवाओं को देखते हुए यह उचित समय है कि इन्हें प्रोत्साहित करने के लिए एक प्रोत्साहन राशि दी जाए और एक महीने की सैलरी बोनस के रूप में दी जाए जिससे वो अपने को सुरक्षित महसूस कर सकें तथा और अधिक मेहनत व लगन से काम करें।
छोटे, मझोले उद्योगों का बैंक कर्ज किया जाए माफ
कांग्रेस महासचिव ने पत्र में लिखा है कि छोटे और मंझोले उद्योग उप्र की आर्थिक रीढ़ हैं। लाखों परिवारों की रोजी-रोटी इनसे जुड़ी हुई है। आज ये भयंकर दबाव में हैं। मोग और आपूर्ति पूरी तरह से ठप है। इन उद्योगों के मालिक और मजदूर पूरी तरह से टूटने के कगार पर आ चुके हैं।
पत्र में महासचिव ने मुख्यमंत्री से गुजारिश की है कि छोटे मंझोलों उद्योगों का बैंक लोन माफ किया जाए। लोन माफी के फैसले से ये दिवालिया होने से बच जाएँगे। इनके बिजली के बकाया बिलों पर भी उदारतापूर्वक विचार कर उन्हें राहत देने की घोषणा की जाए।
बुनकर परिवार को प्रतिमाह 12 हजार रुपये क्षतिपूर्ति राशि मिले
बुनकरों को लेकर प्रियंका वाड्रा ने पत्र में लिखा है कि पूरे प्रदेश में एक बड़ी आबादी बुनकरी से जुड़ी हुई है। इस महामारी में उनका पूरा कारोबार चौपट हो गया है। हैंडलूम और इनके कारखाने बंद पड़े हैं। न ही उत्पादन हो रहा है और न कोई बिक्री। इनके ऊपर बैंकों का भारी कर्ज है। बिजली का बिल भुगतान करने की स्थिति नहीं है। बुनकरों को तत्काल राहत पहुंचाने की जरूरत है। बुनकरों के बिजली के बिल माफ किया जाएं और प्रत्येक बुनकर परिवार को प्रतिमाह 12 हजार रुपये क्षतिपूर्ति राशि दिया जाए। उन्होंने पत्र में लिखा है कि प्रदेश के कालीन उद्योग पर भयानक मार पड़ी है। लाखों परिवारों की आजीविका इस उद्योग से जुड़ी है। कालीन की बिक्री बिल्कुल बन्द है। बुनाई-कटाई भी ठप्प है। कालीन कारोबारियों और कारीगरों को आर्थिक मदद की सख्त जरूरत है। इनके बैंक कर्ज माफ किये जायें।
चिकन उद्योग को तालाबंदी के चलते लगी भारी चोट
प्रियंका वाड्रा ने पत्र में लिखा है कि लखनऊ चिकन उद्योग ने देश-विदेश में यूपी का नाम रोशन किया है। नोटबंदी और जीएसटी की मार झेल रहे चिकन उद्योग को इस तालाबंदी के चलते भारी चोट लगी है। उन्होंने मुख्यमंत्री को सुझाव दिया है कि चिकन उद्योग में लगे हर परिवार को न्यूनतम 12 हजार रुपये प्रतिमाह दिया ताकि वे जीवन-यापन कर सकें।
प्रत्येक पोल्ट्री कारोबारियों को दिया जाए आर्थिक सहयोग
इसी तरह प्रदेश का हेचरी उद्योग संकट से गुजर रहा है। अंडे और मुर्गे की सप्लाई बन्द है। प्रदेश में ज्यादातर पोल्ट्री फार्म कर्ज लेकर लोगों ने खोले थे। अब उनपर दोहरी मार पड़ी है। एक तरफ पूरा बिजनेस चौपट हो गया दूसरे तरफ बैंकों का कर्ज का बोझ। महासचिव ने सुझाव दिया है कि प्रत्येक पोल्ट्री कारोबारियों को प्रति मुर्गी 100 रुपया का आर्थिक सहयोग किया जाए।
इन उद्योगों की भी समीक्षा जरूरी
उन्होंने पत्र में कहा है कि उत्तर प्रदेश का कांच उद्योग, पीतल उद्योग, फर्नीचर उद्योग, चमड़े का उद्योग, होजरी उद्योग, डेयरी, मिट्टी बर्तन उद्योग, फिशरी, अन्य घरेलू और लघु उद्योग सभी को तेज झटका लगा है। इनकी समीक्षा होनी चाहिए ताकि इन्हें फिर से शुरू करने में आर्थिक मदद की जा सके। उन्होंने सुझाव दिया है कि इनके बैंक कर्ज माफ किया जाए।