घोरावल नरसंहार पीड़ितों से मिलीं प्रियंका,परिजनों के छलके आंसू

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मुलाकात के दौरान कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को देख पीड़ित परिवारों की महिलाएं फफक पड़ीं और उनसे लिपट कर रोने लगीं। प्रियंका गांधी ने उन्हें गले लगाकर ढांढस बंधाते हुए न्याय का भरोसा दिलाया।



वाराणसी, 20 जुलाई (हि.स.)। घोरावल(सोनभद्र) के उम्भा गांव में हुए नरसंहार में मारे गए ग्रामीणों के परिजन शनिवार को चुनार गेस्ट हाउस में प्रियंका गांधी से मिले। पिछले 24 घंटे से प्रियंका को इस गेस्टहाउस में रखा गया था। मुलाकात के दौरान कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को देख पीड़ित परिवारों की महिलाएं फफक पड़ीं और उनसे लिपट कर रोने लगीं। प्रियंका गांधी ने उन्हें गले लगाकर ढांढस बंधाते हुए न्याय का भरोसा दिलाया।
चुनार गेस्ट हाउस में पीड़ित परिवारों के लगभग 15 लोगों को सोनभद्र जिला प्रशासन ने काफी उहापोह के बाद प्रियंका गांधी से मिलवाया। इसके पहले पीड़ित परिवारों को गेस्ट हाउस के मुख्य द्वार पर रोका गया जिससे प्रियंका नाराज हो गईं। प्रियंका के तल्ख तेवर को देखकर अफसर भी सकते में आ गए। प्रियंका खुद मुख्य द्वार पर जाने लगीं तो पुलिस ने उन्हें रोका और फिर पीड़ितों के परिजनों को अंदर बुलाकर प्रियंका से मिलवाया गया। इससे पहले प्रियंका ने आरोप लगाया था कि प्रशासन न उन्हें परिवारों से मिलने दे रहा है और न ही पीड़ित परिवारों को यहां आने दे रहा है।
मुलाकात के बाद प्रियंका ने कहा कि पीड़ितों के सिर्फ दो रिश्तेदारों को मुझसे मिलने दिया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि भगवान जाने इनकी मानसिकता क्या है? आप थोड़ा दबाव बनाइए, उन्हें आने दीजिए। प्रियंका ने कहा कि प्रशासन की मानसिकता मेरे समझ से परे है। वे लोग इतने दर्द में मुझसे मिलने आए हैं लेकिन प्रशासन न मुझे जाने दे रहा है और न उन्हें आने दे रहा है। जिनसे मिलने मैं आई थी, उन्हें मुझसे मिलने आना पड़ा। पीड़ित परिवारों से बात करते हुए प्रियंका भावुक भी हो गईं। प्रियंका ने कहा कि वह धारा-144 का उल्लंघन नहीं करना चाहतीं, फिर भी सरकार उन्हें पीड़ितों से मिलने नहीं दे रही।
उल्लेखनीय है कि बीते शुक्रवार दोपहर प्रियंका गांधी को सोनभद्र जाने के दौरान नारायणपुर पुलिस चौकी के पास पुलिस ने रोक लिया और उन्हें हिरासत में लिया। फिर उन्हें चुनार गेस्ट हाउस लाया गया, जहां वो पिछले 24 घण्टे से हैं। प्रियंका गेस्ट हाउस में धरने पर बैठी थीं। प्रियंका पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात किए बिना वापस जाने को तैयार नहीं थीं। देर रात अधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने अपना रुख कुछ लचीला भी किया था और पीड़ितों के परिजनों से कहीं भी मुलाकात को तैयार हो गई थीं लेकिन प्रशासन ने कोई आश्वासन नहीं दिया। इसके बाद प्रियंका को मनाने के लिए शुक्रवार रात करीब 11 बजे वाराणसी से एडीजी ब्रजभूषण और कमिश्नर दीपक अग्रवाल भी पहुंचे लेकिन दो दौर की बातचीत के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला। प्रियंका ने कहा कि 24 घंटे हो चुके हैं। मैं सोनभद्र के गोलीबारी मामले के पीड़ितों से मिलने तक और जब तक मुझे मिलने की अनुमति नहीं मिलती, तब तक मैं नहीं जा सकती।

 


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