मेरठ, 04 जनवरी (हि.स.)। नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) के खिलाफ हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने के लिए शनिवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा मेरठ पहुंची। शहर से बाहर परतापुर थाना क्षेत्र में एक काॅलोनी में प्रियंका ने मृतकों के परिजनों से मुलाकात की।
20 दिसम्बर को सीएए के खिलाफ हुई हिंसा में मेरठ में छह लोगों की मौत हो गई थी। 24 दिसम्बर को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा को धारा 144 लगी होने का हवाला देकर पुलिस ने मेरठ व मुजफ्फरनगर में प्रवेश नहीं करने दिया था। पुलिस ने दोनों के काफिले को वापस दिल्ली भेज दिया था। इसके साथ ही राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी को भी पहले वापस भेज दिया था। बाद में जयंत गुपचुप ढंग से मेरठ आकर मृतकों के परिजनों से मिले थे। शनिवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा पहले मुजफ्फरनगर में खालापार जाकर हिंसा में मृत नूर मोहम्मद के परिजनों से मिलीं और इसके बाद मेरठ के लिए रवाना हुई। नेशनल हाईवे पर दादरी चेकपोस्ट पर मेरठ पुलिस ने प्रियंका वाड्रा को धारा 144 लगी होने का नोटिस थमाया।
परतापुर भेजे गए मृतकों के परिजन
शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने पहले ही मृतकों के परिजनों को शहर से बाहर परतापुर थाना क्षेत्र में भेज दिया। जिससे प्रियंका वाड्रा शहर में घुसे बिना ही मृतकों के परिजनों से मिल सकें। पहले मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल के परिसर में प्रियंका के उनसे मिलने के कयास थे। बाद में दिल्ली रोड स्थित साईंधाम काॅलोनी में प्रियंका वाड्रा ने मृतकों के परिजनों से मुलाकात की। प्रियंका ने केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा किया और हिंसा पीड़ितों का पूरा साथ देने की बात कही। मृतकों के परिजनों से मिलने के बाद प्रियंका दिल्ली के लिए रवाना हो गई।