प्रधानमंत्री ने वाराणसी से किया मिशन 2022 का शंखनाद, विकास होगा बड़ा हथियार
वाराणसी, 25 अक्टूबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के मेहंदीगंज राजातालाब से सोमवार को मिशन 2022 का शंखनाद कर दिया। कभी समाजवाद का गढ़ रही और बहुराष्ट्रीय शीतल पेय कम्पनी के खिलाफ संघर्ष करने वाली धरती से प्रधानमंत्री ने पूर्वांचल की दुखती रग पर हाथ रख उससे उबारने का जज्बा दिखाया। स्वास्थ्य सेवाओं का अभूतपूर्व ढांचा खड़ा करने का संकल्प लेकर प्रधानमंत्री ने जनसभा स्थल से राष्ट्रीय स्तर की ‘आत्म निर्भर स्वस्थ भारत’ योजना को लोकार्पित किया।
इस दौरान अपने सम्बोधन में स्वास्थ्य और इससे जुड़ी योजनाओं पर खासा फोकस किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार गरीब, दलित, शोषित-वंचित, पिछड़े, मध्यम वर्ग, सभी का दर्द समझती है। देश में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करने के लिए हम दिन रात एक कर रहे हैं। आयुष्मान भारत योजना ने दो करोड़ से अधिक गरीबों का अस्पताल में मुफ्त इलाज भी करवाया है। इलाज से जुड़ी अनेक परेशानियों को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के जरिए हल किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वांचल को पहले की सरकारों ने बीमारियों से जूझने के लिए छोड़ दिया था, वो ही अब पूर्वी भारत का मेडिकल हब बनेगा। जिस पूर्वांचल की छवि पिछली सरकारों ने खराब कर दी थी, वो ही पूर्वांचल पूर्वी भारत को सेहत का नया उजाला देने वाला है। प्रधानमंत्री ने जनसभा में साफ कर दिया कि मिशन 2022 को फतह करने में स्वास्थ्य सुविधाओं का संजाल बड़ा हथियार बनेगा।
प्रधानमंत्री ने सभा में विरोधी दलों के नेताओं का नाम न लेकर उन पर जमकर प्रहार किया और लोगों को समझाने का भरपूर प्रयास किया कि पहले की सरकारों ने स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए कुछ नहीं किया। गांव में अस्पताल नहीं, ब्लाक में रोग परीक्षण की सुविधा नहीं था। जिला अस्पताल में गम्भीर बीमारी का इलाज नहीं था। बड़े अस्पताल में लंबा इंतजार होता था। मरीज और परिवार परेशान रहता था। जिंदगी जूझने में चली जाती थी।आर्थिक बोझ अलग से था। प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश में लोकार्पित होंने वाले 9 नए मेडिकल कॉलेजों का खासतौर पर उल्लेख कर समझाया कि इससे पूर्वांचल और पूरे प्रदेश के करोड़ों गरीबों, दलितों, पिछड़ों शोषितों, वंचितों जैसे समाज के लोगों को बहुत फायदा होगा।
उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत, स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन, देश के हेल्थकेयर सिस्टम की इसी कमी को दूर करने का एक समाधान है। गांवों और शहरों में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोले जा रहे हैं, जहां बीमारियों को शुरुआत में ही पहचान लेने की सुविधा होगी। स्वास्थ्य सुविधाओं के बहाने प्रधानमंत्री ने पूर्वांचल में विरोधी दलों के सामने बड़ी लकीर खींच दी।
बताते चलें, प्रधानमंत्री ने लोकसभा चुनाव लड़ने के पूर्व पहली बार 20 दिसम्बर 2013 में मिर्जामुराद के खजुरी में पहली विशाल जनसभा की थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में विजय शंखनाद रैली से ही प्रधानमंत्री ने पूरे पूर्वांचल में अपना आभामंडल बिखेर भाजपा के लिए सत्ता की आसान राहें तैयार की थी।