प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस से लिया केदारनाथ के विकास कार्यों का जायजा
देहरादून, 10 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से श्री केदारनाथ में चल रहे कार्यों की जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने आज ड्रोन के माध्यम से श्री केदारनाथ में चल रहे विभिन्न कार्यों का अवलोकन भी किया। उन्होंने केदारनाथ मन्दिर परिसर, आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि, सरस्वती घाट एवं आस्था पथ, भैरव मन्दिर के रास्ते पर बने पुल, केदारनाथ में बन रही गुफाओं, मन्दाकिनी नदी पर बन रहे पुल और मंदाकिनी एवं सरस्वती के संगम पर बन रहे घाटों का अवलोकन किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि रामबाड़ा से केदारनाथ तक छोटे-छोटे पेच को श्री केदारनाथ की ऐतिहासिकता से जोड़ा जाए, ताकि श्रद्धालुओं को केदारनाथ के ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व के बारे में भी रोचक जानकारियां मिल सकें। इस क्षेत्र में आध्यात्म से संबंधित भी अनेक कार्य किये जा सकते हैं। इस ओर ध्यान दिया जाए। इससे श्रद्धालुओं को श्री केदारनाथ के दर्शन के साथ ही यहां से जुड़ी धार्मिक एवं पारंपरिक महत्व के बारे में भी जानकारी मिलेगी। केदारनाथ के आस-पास जो गुफाएं बनाई जा रही हैं, उनकाे सुनियोजित तरीके से विकसित किया जाए ताकि इनका स्वरूप आकर्षक हो।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी केदारनाथ में निर्माण कार्य तेजी से किये जा सकते हैं। शीर्ष प्राथमिकता के कार्य चिह्नित कर पहले उन्हें पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि भगवान केदारनाथ एवं बदरीनाथ में विभिन्न कार्यों के लिए राज्य सरकार को केन्द्र से हर सम्भव मदद दी जाएगी। भगवान बदरीनाथ धाम के लिए भी डेवलपमेंट प्लान बनाया जाए। अगले 100 साल तक की परिकल्पना के हिसाब से डेवलपमेंट प्लान बनाया जाए। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने श्री केदारनाथ में यात्रा की स्थिति के बारे में जानकारी ली।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि केदारनाथ में विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए राज्य को लगभग 200 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों के लिए सीमित संख्या में भगवान केदारनाथ एवं बदरीनाथजी के दर्शन के लिए अनुमति दी गई है। मास्क का उपयोग, सामाजिक दूरी का पालन करते हुए एक दिन में अधिकतम 800 लोग दर्शन कर सकते हैं।
इस अवसर पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने श्री केदारनाथ में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि के पुनर्निर्माण का कार्य 31 दिसम्बर, 2020 तक पूरा हो जाएगा। सरस्वती घाट का कार्य पूर्णता की ओर है, जो 30 जून जक पूर्ण हो जाएगा। भैरव मन्दिर के रास्ते पर पुल का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, यह कार्य निर्धारित समयावधि से पहले ही पूरा किया गया है। तीर्थ पुरोहितों को रहने के लिए 5 ब्लॉको में घर बनाऐ जा रहे हैं, जिसमें से 2 ब्लाक बनाये जा चुके हैं, शेष ब्लाकों में सितम्बर तक कार्य पूरा हो जाएगा। केदारनाथ में आध्यात्म की दृष्टि से तीन गुफाएं बनाई जा रही हैं, जिनका निर्माण कार्य सितम्बर तक पूर्ण हो जाएगा। मन्दाकिनी नदी पर बन रहे पुल का कार्य 31 मार्च, 2021 तक पूर्ण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि श्री केदारनाथ में ओपन म्यूजियम बनाने की योजना भी बनाई जा रही है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश और सचिव (पर्यटन) दिलीप जावलकर भी उपस्थित थे।