गिरिराज सिंह के क्षेत्र में अधर में लटक गया प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट

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बेगूसराय, 10 जनवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में गंगा को निर्मल बनाने के लिए नमामि गंगे योजना शुरू किया गया। इसके लिए अलग से मंत्रालय बनाए गए और गंगा किनारे के सभी शहरों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की योजना पर तेजी से काम शुरू हुआ। लेकिन केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के संसदीय क्षेत्र बेगूसराय में अधिकारियों की उदासीनता और लापरवाही के कारण यह योजना अधर में लटकी हुई है।

नमामि गंगे योजना के तहत बेगूसराय में खातोपुर के समीप राजा डुमरी मौजा में बनने वाले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (17 एमएलडी) तथा 98 किलोमीटर लंबे सीवरेज नेटवर्क का शिलान्यास केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 28 फरवरी 2019 को किया था। लक्ष्य था कि 230 करोड़ से अधिक की इस योजना को दो वर्षों में पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन करीब 22 महीना से अधिक बीत जाने के बावजूद अभी तक यह योजना अधर में लटकी हुई है। पाइप बिछाने का काम चल रहा है, लेकिन बुडको के कार्यपालक अभियंता की उदासीनता और जिला भू अर्जन पदाधिकारी की मनमानी के कारण किसानों का विरोध हो जाने से ट्रीटमेंट प्लांट का ग्राउंड लेवल काम भी पूरा नहीं हो सका है।
किसानों का कहना है कि जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने हम लोगों की सहमति लिए बगैर सवा सात एकड़ जमीन का मनमाने तरीके से अधिग्रहण कर लिया गया। हमारी इस व्यवसायिक जमीन का बहुत ही कम दर तय किया गया, जिसके कारण हम प्राधिकार में लड़ाई लड़ रहे हैं। इस जमीन का सरकारी दर डेढ़ लाख रुपए प्रति डिसमिल है, इसका चार गुना भुगतान लिए बगैर हम लोग जान दे देंगे, लेकिन जमीन नहीं देंगे।
इस संबंध में डीएम अरविन्द कुमार वर्मा ने बताया कि विभागीय लापरवाही के कारण काम में बाधा आई। बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड (बुडको) के अभियंता एक्टिव नहीं थे, नए अभियंता आए हैं। काम शुरू करवाने का प्रयास किया जा रहा है, समस्या के समाधान का प्रयास किया जा रहा है, जल्द ही काम शुरू कराया जाएगा। जमीन विवाद के कारण किसानों ने मुआवजा नहीं लिया, ट्रिब्यूनल में पैसा जमा करा दिया गया है, वहां से मिल जाएगा।
बताते चलें कि नमामि गंगे योजना के तहत बेगूसराय में सीवरेज योजना के लिए दो अरब 36 करोड़ छह हजार रुपए की मंजूरी दी गई है। जिसमें एक अरब 61 करोड़ चार लाख बीस हजार रुपए केन्द्र सरकार देगी। जबकि 75 करोड़ 51 लाख 85 हजार रुपए राज्य सरकार खर्च करेगी। सिवेज एवं सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगते ही शहरवासियों को गंदे पानी से मुक्ति मिलेगी। चार जगह पंप हाउस का निर्माण किया जाएगा। निगम क्षेत्र के 98 किलोमीटर में पाइपलाइन बिछाकर सभी घरों को इससे जोड़ा जाएगा। सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में शोधन के बाद पानी गंगा में प्रवाहित करने के अलावा सिंचाई या अन्य कार्यों में उपयोग किया जाएगा।
इससे पहले शहर को गंदा पानी से मुक्ति दिलाने के लिए 2009 में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने वीपी स्कूल के समीप 58.88 करोड़ की लागत से सीवरेज कार्य का शिलान्यास किया था। योजना की शुरूआत के समय पहले चरण में 58.88 करोड़ में से 10 करोड़ 92 लाख रुपये खर्च हो गए। लेकिन कार्य की प्रगति धीमी होने के कारण सरकार ने तत्कालीन डीएम के रिपोर्ट पर कंपनी को 2016-17 में ब्लेकलिस्टेड कर दिया था। इसके बाद अब नए सिरेेेे से काम होना है।

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