प्रधानमंत्री ने विपक्षी नेताओं से कोविड-19 को लेकर की चर्चा
नई दिल्ली, 08 अप्रैल (हि्.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोरोना वायरस से बढ़ते संक्रमण को लेकर बुधवार को विपक्षी दलों के लोकसभा और राज्यसभा में सदन के नेताओं से बातचीत की। प्रधानमंत्री ने इस बैठक में सरकार द्वारा कोरोना संकट से निपटने के कार्यों की जानकारी दी और नेताओं से राय मांगी। यह बैठक भी प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की।
इस बैठक में कांग्रेस समेत लगभग सभी विपक्षी दलों के नेताओं ने भाग लिया। बताया जा रहा है कि बैठक में सभी सदन के नेताओं ने प्रधानमंत्री के सामने सामने 5 मांगें रखी है। इसमें राज्य एफआरबीएम राजकोषीय सीमा को 3 से 5 फीसदी करने, राज्यों को उनका बकाया देने, राहत पैकेज को जीडीपी के एक फीसदी से बढ़ाकर 5 फीसदी करने, कोरोना टेस्ट को फ्री करने और पीपीई समेत सभी मेडिकल इक्विपमेंट को मुहैया कराने की मांग की गई है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी कोरोना से निपटने और लोगों को जागरूक करने के लिए देश के विभिन्न क्षेत्र को दिग्गजों के साथ बात कर चुके हैं। इसके तहत राज्यों के मुख्यमंत्रियों, खेल जगत के दिग्गजों डॉक्टरों और मीडिया आदि प्रमुख रूप से शामिल है।
पहले कहा जा रहा था कि प्रधानमत्री मोदी की इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस हिस्सा नहीं लेगी। लेकिन पार्टी के नेता सुदीप बंदोपाध्याय भी इसमें शामिल हुए। इसके अलावा डीएमके की ओर से टी.आर. बालू, एआईएडीएमके की ओर से नवनीत कृष्णनन, कांग्रेस की ओर से गुलाम नबी आजाद और अधीर रंजन चौधरी, टीआरएस की ओर से नम्मा नागेश्वर राव और के केशवा राव, सीपीआईएम की ओर से ई. करीम, शिवेसना की ओर से विनय राउत और संजय राउत, एनसीपी की ओर से शरद पवार शामिल थे। इसके अलावा अकाली दल की ओर से सुखबीर बादल, एलजेपी की ओर से चिराग पासवान, जेडी(यू) की ओर से आर.सी.पी. सिंह, सपा की ओर से राम गोपाल यादव, बसपा की ओर से दानिश अली और सतीश मिश्रा, वाईएसआर कांग्रेस की ओर से विजयसाईं रेड्डी और मिधुन रेड्डी, बीजद की ओर से पिनाकी मिश्रा और प्रसन्ना आचार्य ने प्रधानमंत्री की बैठक में अपना-अपना पक्ष रखा।
उल्लेखनीय है कि पूरी दुनिया में कहर मचाने वाले खतरनाक कोरोना वायरस के प्रकोप की रफ्तार भारत में भी देखने को मिली है। बुधवार को देशभर में कोरोना वायरस का आंकड़ा बढ़कर 5194 हो गया। वहीं, इस खतरनाक महामारी से अब तक देशभर में जहां 149 लोग जान गंवा चुके हैं और 401 लोग पूरी तरह से ठीक हो गए हैं या फिर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।