नई दिल्ली, 27 फरवरी (हि.स.)। सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद शुक्रवार को पोर्ट ब्लेयर पहुंचे जहां उन्हें तीनों सेनाओं की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उन्होंने सेल्युलर जेल नेशनल मेमोरियल का दौरा करके स्वाधीनता सेनानियों की स्मृति को नमन किया। यह भारत के राष्ट्रपति के रूप में केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की उनकी पहली यात्रा थी।
पोर्ट ब्लेयर पहुंचने पर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल एडमिरल डीके जोशी (सेवानिवृत्त), लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे, कमांडर-इन-चीफ अंडमान और निकोबार कमान और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने उनका औपचारिक स्वागत किया। इसके बाद सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर राम नाथ कोविंद ने अंडमान और निकोबार कमान (एएनसी) के कर्मियों द्वारा 150 लोगों की त्रि-सेवा गार्ड ऑफ ऑनर की समीक्षा की।
राष्ट्रपति कोविंद ने पहली बार पोर्ट ब्लेयर में स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों द्वारा बनाए गए सेल्युलर जेल नेशनल मेमोरियल का दौरा किया। इसने आजादी के लिए भारत के संघर्ष से जुड़े एक पवित्र तीर्थ यात्रा पर जाने की भावनाओं को विकसित किया। उन्होंने कहा कि हमारे स्वतंत्रता संग्राम के नायकों ने जेल की एकांत कोठरियों में उत्पीड़न के दौरान अमानवीय यातना को सहन किया। इसके बावजूद उन्होंने साहस, निडरता और सर्वोच्च बलिदान को महत्व दिया।
उन्होंने कहा कि आज पोर्ट ब्लेयर में स्वाधीनता सेनानियों और शहीदों की चरण-रज से पवित्र, सेल्यूलर जेल राष्ट्रीय स्मारक को देखकर भारत के स्वाधीनता संग्राम से जुड़े एक तीर्थ की यात्रा का अनुभव हुआ। सेल्यूलर जेल की संकीर्ण कोठरियों में बंदी जीवन के दौरान अमानवीय यातनाएं सहन करने वाले स्वाधीनता संग्राम के हमारे नायकों ने साहस, निडरता, त्याग एवं बलिदान के विलक्षण उदाहरण प्रस्तुत किए। मैं उन महान स्वाधीनता सेनानियों की स्मृति को नमन करता हूं।