नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (हि.स.)। भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की यात्राओं के लिए भारत के वीवीआईपी बेड़े का दूसरा ‘एयर इंडिया वन’ रविवार को अमेरिका से आ गया। अत्याधुनिक मिसाइल रक्षा प्रणाली से लैस यह वीवीआईपी विमान दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरा। पहला वीवीआईपी एयरक्राफ्ट एक अक्टूबर को भारत आया था। ये दोनों विमान 2018 तक एयर इंडिया के वाणिज्यिक बेड़े का हिस्सा थे, जिन्हें वीवीआईपी विमान बनाने के लिए अमेरिका भेजा गया था।
भारत के वीवीआईपी बेड़े के लिए ‘एयर इंडिया वन’ का इंतजार अब खत्म हो गया है, क्योंकि अब दोनों हाई-टेक विमान भारत आ चुके हैं। इनका इस्तेमाल प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की उड़ान के लिए किया जाएगा, जिसे वायु सेना के पायलट उड़ाएंगे। मिसाइल डिफेंस सिस्टम से लैस दूसरे ‘एयर इंडिया वन’ में भी अशोक की लाट बनी है, जिसके एक तरफ हिन्दी में ‘भारत’ और दूसरी तरफ अंग्रेजी में ‘INDIA’ लिखा है। साथ ही विमान की पूंछ पर बना ‘तिरंगा’ भारत की शान दर्शा रहा है। दोनों विमान को जुलाई में ही बोइंग कंपनी से भारत को मिलने थे लेकिन पहले कोविड-19 महामारी के कारण और फिर तकनीकी कारणों से देरी हुई।
भारत को मिले ‘एयर इंडिया वन’ में भारत सरकार के ऑर्डर पर बड़े मिसाइल इन्फ्रारेड काउंटरमेशर (एलएआईआरसीएम) और सेल्फ-प्रोटेक्शन सूट (एसपीएस) नामक अत्याधुनिक मिसाइल रक्षा प्रणाली फिट की गई है। मौजूदा समय में प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति घरेलू यात्रा के लिए भारतीय वायु सेना के विमान और अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए एयर इंडिया के बोइंग-747 में उड़ान भरते हैं। इनके आने के बाद एयर इंडिया वीवीआईपी बेड़े से 25 साल पुराने बोइंग-747 विमान हटा लिये जाएंगे। यह दोनों विमान भारतीय वायुसेना के पायलट उड़ाएंगे। विमानों का मेंटेनेंस एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (एआईईएसएल) द्वारा किया जाएगा। दोनों विमानों के पुनर्निर्माण में लगभग 8,400 करोड़ रुपये की लागत आई है।
एयर इंडिया वन विमान पूर्ण हवाई कमान केंद्र की तरह काम करते हैं, जिनके अत्याधुनिक ऑडियो-वीडियो संचार को टैप या हैक नहीं किया जा सकता। दोनों विमान एक तरह से मजबूत हवाई किले की तरह हैं। राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री के लिए इन विमानों में उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट की सुविधा है, जो विमान पर किसी भी तरह के हमले को न केवल रोकते हैं बल्कि हमले के समय जवाबी कार्रवाई भी कर सकते हैं। सेल्फ-प्रोटेक्शन सूट (एसपीएस) से लैस होने के नाते यह विमान दुश्मन के रडार सिग्नल्स को जाम करके पास आने वाली मिसाइलों की दिशा भी मोड़ सकते हैं। विमान के अंदर एक कॉन्फ्रेंस रूम, वीवीआईपी यात्रियों के लिए एक केबिन, एक मेडिकल सेंटर और अन्य गण्यमान्य व्यक्तियों, स्टाफ के लिए सीटें हैं। यह विमान एक बार ईंधन भरने के बाद लगातार 17 घंटे तक उड़ान भर सकेंगे।
वर्तमान में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति एयर इंडिया के बी-747 विमानों से यात्रा करते हैं, जिन पर एयर इंडिया का चिह्न होता है। भारतीय वीवीआईपी बेड़े के मौजूदा विमान सिर्फ 10 घंटे तक ही लगातार उड़ सकते हैं लेकिन इन दोनों हाई-टेक विमानों की वायु सेना के विमानों की तरह ही उड़ने में असीमित रेंज होगी। इमरजेंसी की स्थिति में प्लेन मिड-एयर रीफ्यूल करने में भी सक्षम होगा। ट्विन जीई90-115 इंजन वाला ‘एयर इंडिया वन’ अधिकतम 559.33 मील प्रति घंटे की रफ़्तार से उड़ सकता है। इनमें सफेद, हल्का नीला और नारंगी रंग है। हल्का नीला और सफेद रंग का इस्तेमाल अधिक किया गया है जबकि नारंगी रंग की हवाई जहाज के बीच में लाइन दी गई है।