पटना, 22 अक्टूबर (हि.स.)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन दिवसीय बिहार दौरे के आखिरी दिन शुक्रवार को पत्नी और बेटी के साथ पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर में दर्शन और पूजन किया। उनके आगमन के लिए तय रास्तों पर सामान्य वाहनों का परिचालन बंद कर दिया गया था। वे हर मंदिर साहिब गुरुद्वारा से ओल्ड बाइपास और चिरैया- टाड़ होते हुए सुबह नौ बजे महावीर मंदिर पहुंचे।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर में आगमन को लेकर विशेष तैयारी की गई थी। राष्ट्रपति अपने प्रवास के अंतिम दिन 22 अक्टूबर को महावीर मंदिर आए और सुबह 9 बजे से 9:20 बजे तक यहां रहे। राष्ट्रपति को मंदिर प्रबंधन की ओर से विराट रामायण मंदिर की प्रतिकृति भेंट की गयी, जो मद्रास से मंगाई गई थी।
इसके अलावा राष्ट्रपति को प्रसाद (नैवेद्यम), रामायण आधारित पुस्तक और शॉल भेंट की गई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और देश की पहली महिला सविता कोविंद का स्वागत मंदिर के पूर्वी द्वार पर श्रीमहावीर मंदिर स्थान न्यास समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणाल और न्यासी महाश्वेता महारथी ने किया। इस मौके पर राष्ट्रपति की पुत्री स्वाति कोविंद भी उनके साथ रहीं। इसके बाद राष्ट्रपति ने हर मंदिर साहिब गुरुद्वारा में शीश नवाया और उसके बाद विशेष विमान से दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
राष्ट्रपति ने मंदिर के मुख्य गर्भगृह का दर्शन किया। पूजा में मंदिर के मुख्य पुजारी ब्रह्मदेव दास और आचार्य अवधेश दास ने सहयोग किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसके बाद पूर्वी गांधी मैदान स्थित खादी मॉल का भी दौरा किया। उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने उनकी अगवानी की। कोविंद और प्रथम महिला सविता कोविंद ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की और खादी मॉल में आठ धुरी चरखे पर हाथ आजमाया। उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने इस मौके पर सिक्की से बनी कलाकृति सीता-स्वयंबर उन्हें भेंट की।
इससे एक दिन पहले गुरुवार को उन्होंने शताब्दी स्मृति स्तंभ की आधारशिला रखी और बिहार विधानसभा परिसर में महाबोधि वृक्ष का पौधा लगाया। इस अवसर पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा था कि उन्हें गर्व है कि बिहार दुनिया के पहले लोकतंत्र की भूमि रहा है। भगवान बुद्ध ने दुनिया के प्रारंभिक गणराज्यों को ज्ञान और करुणा की शिक्षा दी। साथ ही उन गणराज्यों की लोकतांत्रिक व्यवस्था के आधार पर भगवान बुद्ध ने ‘संघ’ के नियम निर्धारित किए।
राष्ट्रपति ने कहा था कि बिहार प्रतिभाशाली लोगों की भूमि रही है। नालंदा, विक्रमशिला और ओदंतपुरी जैसे विश्व स्तरीय शिक्षा केंद्रों, आर्यभट्ट जैसे वैज्ञानिकों, चाणक्य जैसे नीति निर्माताओं और अन्य महान हस्तियों द्वारा इस भूमि पर एक महान परंपरा जिसने पूरे देश को गौरवान्वित किया था, की स्थापना की थी। उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों के पास एक समृद्ध विरासत है और अब इसे आगे ले जाने की जिम्मेदारी उनकी है।
बिहार में शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध के बारे में राष्ट्रपति ने कहा था कि संविधान में सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए राज्य के कर्तव्य का स्पष्ट रूप से ‘राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों’ के तहत उल्लेख किया गया है। इस कर्तव्य में शराब और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पदार्थों के सेवन पर प्रतिबंध भी शामिल है। गांधी के सिद्धांतों पर आधारित इस संवैधानिक अनुच्छेद को कानून का दर्जा देकर बिहार विधानसभा ने जन स्वास्थ्य और समाज के हित में खासकर कमजोर वर्ग की महिलाओं के पक्ष में बहुत अच्छा कदम उठाया है।
राष्ट्रपति ने दीपावली और छठ पूजा की अग्रिम बधाई देते हुए कहा था कि छठ पूजा अब एक वैश्विक त्योहार बन गया है। नवादा से न्यूजर्सी और बेगूसराय से बोस्टन तक छठ मैया की पूजा बड़े पैमाने पर की जाती है। यह इस बात का प्रमाण है कि बिहार की संस्कृति से जुड़े मेहनती लोगों ने विश्व पटल पर अपनी जगह बनाई है।