कानपुर देहात, 25 जून (हि.स.)। अमूमन शांत स्वभाव के साथ गंभीर दिखने वाले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जब शुक्रवार को अपने पैतृक गांव से कुछ ही दूरी पर झींझक स्टेशन पहुंचे तो उनके गांव के साथ सैकड़ों चहेते उनको देखने पहुंच गये। अपनों के बीच पहली बार जब राष्ट्रपति रहे तो उन सभी को देख ऐसा बयान दिया कि राजनीतिक पंडितों को सोचने को मजबूर कर दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तर प्रदेश से नौ प्रधानमंत्री देश के हुए, पर राष्ट्रपति पहली बार आपके आर्शीवाद व स्नेह से हुए। उन्होंने कहा कि अब उत्तर प्रदेश से राष्ट्रपति बनने का रास्ता खुल गया है और आगे भी यहां से राष्ट्रपति होंगे। उनके इस बयान से उनके चाहने वालों में खुशी की लहर छा गई और कयास लगाया जा रहा है कि अगले साल होने वाले राष्ट्रपति के चुनाव में रामनाथ कोविंद फिर एनडीए के उम्मीदवार होंगे।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने शैक्षणिक स्थली कानपुर नगर छठी बार शुक्रवार को आए और पहली बार उन्होंने ट्रेन से यात्रा की। राष्ट्रपति की प्रेसीडेंशियल महाराजा ट्रेन कानपुर देहात के झींझक स्टेशन पर सायंकाल 6:15 मिनट पर जैसे ही सीटी बजाई तो उनके चाहने वाले व उनके पैतृक गांव परौंख के सैकड़ों लोगों में खुशी का ठिकाना न रहा। राष्ट्रपति ने पहले से तय 38 लोगों से मुलाकात की पर उनको देखने के लिए स्टेशन के आसपास लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। उन्होंने यहां मौजूद लोगों को सम्बोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने सबका आशीर्वाद मांगा। उन्होंने लोगों से अपील की है कि हमेशा निष्पक्ष होकर ही मतदान करना। उन्होंने कहा कि सभी नागरिकों को समझदार और जागरुक बनना चाहिए तभी देश उन्नत करेगा। आगे कहा कि “वसुधैव कुटुम्बकम” को हम भूलते जा रहे हैं, इसी कारण सभी सुविधाएं होने के बाद भी शायद आज हम पहले जितना खुश नहीं हैं। हम सबको मिलकर आगे बढ़ाना है और तरक्की के रास्ते पर और आगे ले जाना है। हंसते हुए कहा कि समय पर हम आ जरूर गए थे पर आपके स्नेह से विलम्ब से जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश से खुला राष्ट्रपति बनने का रास्ता
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि उत्तर प्रदेश से राष्ट्रपति बनने का रास्ता खुल गया है। इसके पहले उत्तर प्रदेश से कई प्रधानमंत्री बने पर पहली बार कोई राष्ट्रपति बना है। यह आप सबका आशीर्वाद है। मैं आपको संकेत दे रहा हूं कि आप संघर्ष और अनुकरणीय कृतज्ञ लेकर अगर आगे चलेंगे तो कहां से कहां तक पहुंच सकते हैं, यह आप सोच नहीं सकते हैं।
इस बार भी आने में मुश्किलें थीं पर मैं आया
राष्ट्रपति ने अपने भाषण में लोगों से कहा कि वह पिछले तीन वर्षों से अपने जन्मभूमि पर आने का प्रयास कर रहे हैं। पिछली बार कोरोना और उसके पहले व्यस्तता ने आने नहीं दिया। इस बार भी लोगों ने मना किया कि बारिश का मौसम है पर मैं यह कहकर आ गया कि बारिश में भी मेरे अपने मुझे समय देंगे मैं उनसे मिलने जा रहा हूं।
अदृश्य महामारी कोरोना से बचकर रहें
राष्ट्रपति ने कहा कि कोरोना महामारी अदृश्य है यह दिखाई नहीं देती। इससे बचने के लिए मास्क जरूर लगाएं। सावधान रहें और दूसरों को भी इस बीमारी से बचने के उपाय बताते रहें।
कार्यकारी राष्ट्रपति बने थे मोहम्मद हिदायतउल्ला
बतादें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से पहले वर्ष 1969 में उत्तर प्रदेश के मोहम्मद हिदायतउल्ला कार्यकारी राष्ट्रपति बने थे। वह 20 जुलाई1969 से 24 अगस्त 1969 तक कार्यकारी राष्ट्रपति रहे। लखनऊ में 17 दिसम्बर 1905 को जन्मे हिदायतउल्ला, खान बहादुर हाफिज मुहम्मद विलायतउल्ला के खानदान से थे, पर पहली बार उत्तर प्रदेश से पूर्ण राष्ट्रपति, रामनाथ कोविंद बने।
अब तक इन प्रदेशों से बने राष्ट्रपति
बिहार
भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद बिहार के सीवान जिले से थे। वे 1950 से 1962 तक राष्ट्रपति रहे।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश के बड़े नेता भोपाल के रहने वाले शंकर दयाल शर्मा भी राष्ट्रपति बन चुके हैं और वह 1992 में राष्ट्रपति बने।
आंध्र प्रदेश
नीलम संजीव रेड्डी- आंध्रप्रदेश के विभाजन से पहले इस राज्य से दो लोग राष्ट्रपति बन चुके हैं, लेकिन आज के तेलंगाना के हिसाब से केवल नीलम संजीव रेड्डी ही राष्ट्रपति बनने वाले एकलौते शख्स हैं। उनका जन्म उस समय की मद्रास प्रेसीडेंसी के इल्लुर गांव में हुआ था। उनका कार्यकाल 1977 से 1982 तक था।
महाराष्ट्र
प्रतिभा पाटिल- भारत की पहली और एकमात्र महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल महाराष्ट्र के अमरावती की रहने वाली थीं। प्रतिभा पाटिल 2007 में राष्ट्रपति बनी थी।
केरल
के.आर. नारायणन- 1997 में राष्ट्रपति बने के आर नारायणन केरल के रहने वाले थे।
पश्चिम बंगाल
प्रणब मुखर्जी- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रणब मुखर्जी 2012 में राष्ट्रपति बने।
पंजाब
ज्ञानी जैल सिंह- पंजाब के फरीदकोट के रहने वाले ज्ञानी जैल सिंह 1982 में देश के सातवें राष्ट्रपति बने।
दिल्ली
फखरुद्दीन अली अहमद- इंदिरा गांधी के खास रहे फखरूद्दीन अली अहमद दिल्ली में पैदा हुए थे, हालांकि वो असमी के मुस्लिम परिवार से थे। उन्होंने 1974 से 1977 के बीच देश के पांचवे राष्ट्रपति के रूप में काम किया।
ओडिशा
वीवी गिरी- वीवी गिरी ओडिशा के बहरामपुर के रहने वाले थे। वे 1969 में देश के चौथे राष्ट्रपति बने। गिरी एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति हैं जिन्होंने निर्दलीय ही राष्ट्रपति चुनाव जीता था।
तमिलनाडु- ऐसा राज्य है जहां से तीन राष्ट्रपति बने
1-राधाकृष्णन
राधाकृष्णन का जन्म तमिलनाडु के थिरुवल्लूर में हुआ। वह साल 1962 में देश के दूसरे राष्ट्रपति बने और उन्हींके जन्मदिन पर पांच सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
2-वेंकटरमन
आर वेंकटरमन 1987 में देश के आठवें राष्ट्रपति बने। उनका जन्म उस समय की मद्रास प्रेसीडेंसी और आज के तमिलनाडु के तंजौर में हुआ था।
3-एपीजे अब्दुल कलाम
मिसाइल मैन के नाम से मशहूर एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ। वह 2002 में देश के 11वें राष्ट्रपति बने।