‘राज्यपाल सम्मेलन-2021’ : भारत ने विकसित देशों की तुलना में कोविड का सामना बेहतर ढंग से किया : राष्ट्रपति

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जनजातीय सहित देश के समावेशी विकास में राज्यपालों की अहम भूमिका

 कल्याण सिंह, लालजी टंडन और मृदुला सिन्हा को दी गई श्रद्धांजलि



नई दिल्ली, 11 नवम्बर (हि.स.)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने गुरुवार को कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में राज्यपालों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि भारत ने अनेक विकसित देशों की तुलना में सीमित संसाधनों के बावजूद कोविड का सामना बहुत बेहतर ढंग से किया है।

राष्ट्रपति कोविन्द ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित ‘राज्यपाल सम्मेलन-2021’ में अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि महामारी के खिलाफ भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्व का सबसे व्यापक और प्रभावी अभियान चलाया गया। इसमें कोरोना योद्धाओं ने सराहनीय कार्य किया। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों और उद्यमियों के बल पर देश में वैक्सीन का विकास और बड़े पैमाने पर उत्पादन संभव हो सका है। आज 108 करोड़ से भी अधिक टीकाकरण करके देशवासियों को महामारी से बचाने के अभियान में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही हम विश्व की सहायता भी कर रहे हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि जनजातीय विकास सहित देश के समावेशी विकास में राज्यपालों की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में राज्यपालों की महत्वपूर्ण भूमिका है। कुलाधिपति के रूप में राज्यपाल युवा भारत के निर्माण की प्रक्रिया से सीधे जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण की दृष्टि से यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षा क्षेत्र में योगदान के बल पर भारत को नॉलेज सुपर पावर बनाने का हमारा राष्ट्रीय लक्ष्य अवश्य सिद्ध होगा।

राष्ट्रपति ने दो साल के अंतराल में राज्यपालों से मुलाकात पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए नवम्बर 2019 में आयोजित पिछले राज्यपाल सम्मेलन के बाद नियुक्त हुए सभी राज्यपालों और उप राज्यपालों को बधाई दी। इस दौरान उन्होंने पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह, लालजी टंडन और मृदुला सिन्हा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।

राष्ट्रपति ने ग्लासगो में आयोजित कोप-26 सम्मेलन में प्रधानमंत्री के भाषण का हवाला देते हुए कहा कि भारत एकमात्र ऐसी बड़ी अर्थव्यवस्था है जिसने पेरिस समझौते के तहत ठोस प्रगति की है और नियत समय पर लक्ष्यों को प्राप्त करने की स्थिति में है। साथ ही जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने की दिशा में भारत ने विश्व समुदाय के हित में अपना योगदान देने के लिए पांच प्रमुख लक्ष्य तय किये हैं।

इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी राज्यपालों और उप राज्यपालों के 51वें सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि राज्यपालों ने कोविड महामारी के दौरान सक्रिय रूप से काम किया है। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में कोप 26 सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को पूरी दुनिया के सामने रखा है। 2030 से 2070 तक इन लक्ष्यों की पूर्ति के लिए हमारी अगली पीढ़ी की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।

राष्ट्रपति कोविन्द की अध्यक्षता में आयोजित होने वाला यह चौथा सम्मेलन है। सम्मेलन में सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के राज्यपालों और उप राज्यपालों के अलावा उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए।


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