नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (हि.स.)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिव्यांगता को ईश्वर की रचना बताते हुए कहा कि दिव्यांगजनों की सेवा समाज की सबसे बड़ी सेवा है। उन्होंने शनिवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय दिव्यांगजन संस्थान का दौरा कर बहिरंग बाल रोगियों और पुनर्वासित दिव्यांगजन बच्चों एवं उनके माता-पिता से बातचीत भी की।
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर दिव्यांग बच्चों और उनके अभिभावकों को दीपावली की शुभकामनाएं दीं और दिव्यांग बाल रोगियों को सहायक उपकरण भी भेंट किए। कोविंद ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय दिव्यांगजन संस्थान और संकाय के सदस्य दिव्यांग बच्चों और रोगियों को उचित उपचार प्रदान करने की दिशा में सराहनीय कार्य कर रहे हैं। वे न केवल शारीरिक उपचार प्रदान करते हैं बल्कि मनोवैज्ञानिक उपचार भी करते हैं। उन्होंने कहा कि वह दिव्यांग बच्चों और संस्थान के संकाय सदस्यों के साथ दीपावली पर्व को मनाने में आनन्द का अनुभव कर रहे हैं।
राष्ट्रपति ने संस्थान के संकाय सदस्यों के साथ भी वार्तालाप किया। संस्थान के तीनों विभागों के प्रमुखों ने अपने-अपने विभागों का संक्षिप्त विवरण देते हुए जानकारी दी कि संस्थान में किस प्रकार से दिव्यांगजन रोगियों का सफलतापूर्वक उपचार किया जाता है।
इस अवसर पर, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की सचिव, शकुंतला डोई गैम्लिन, पं. दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय दिव्यांगजन संस्थान की निदेशक, स्मिता जयवंत के अलावा सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय एवं संस्थान के वरिष्ठ भी अधिकारी उपस्थित थे।