नई दिल्ली, 05 जून (हि.स.)। देश में सातवीं आर्थिक जनगणना की तैयारी चल रही है। इसके लिए देशभर में केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा कई गतिविधियों की योजना बनाई गई है। राज्य स्तर पर प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण इस व्यापक अभ्यास का एक अभिन्न अंग है।
यह गणना राष्ट्रीय राजधानी सहित पूरे देश में एक साथ शुरू की जा रही है। जिला, ब्लॉक एवं पंचायत स्तर तक इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। हर पंचायत के कॉमन सर्विस सेंटर को इसकी पूरी जिम्मेदारी दी जा रही है। सातवी आर्थिक गणना के लिए भारत सरकार ने एक ऐप बनाया है, जिससे ऑनलाइन सर्वे किया जाएगा। इस गणना को तीन महीने के अंदर पूरा करना है।
राष्ट्रीय राजधानी में सातवीं आर्थिक जनगणना के लिए राज्य स्तरीय प्रशिक्षण के लिए कार्यशाला का आयोजन गुरुवार छह जून को राष्ट्रीय राजधानी के इंडिया हैबिटेट सेंटर में किया जाएगा। कर्नाटक, केरल और गोवा में राज्य-स्तरीय प्रशिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम सात जून को आयोजित होंगे, जबकि मध्य प्रदेश के लिए यह 10 जून को निर्धारित किया जाएगा। तमिलनाडु के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला 11 जून को आयोजित की जाएगी। वहीं अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप के लिए 12 जून को निर्धारित की गई है।
इससे पहले 14 मई,2019 को आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में प्रतिभागियों (मास्टर ट्रेनर्स) को मैदान में गणना (डेटा कैप्चर और पर्यवेक्षण) के लिए उपयोग की जाने वाली प्रमुख अवधारणाओं और परिभाषाओं, प्रक्रियाओं, डिजिटल प्लेटफॉर्म और एप्लिकेशन पर प्रशिक्षित किया गया था। इसके बाद राज्य और जिला स्तर पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
आर्थिक जनगणना के बारे में
आर्थिक जनगणना भारत की भौगोलिक सीमा के भीतर स्थित सभी प्रतिष्ठानों की पूर्ण गणना है। आर्थिक जनगणना देश के सभी प्रतिष्ठानों के विभिन्न परिचालन और संरचनात्मक चर पर असंगत जानकारी प्रदान करती है। आर्थिक जनगणना देश में सभी आर्थिक प्रतिष्ठानों के भौगोलिक प्रसार/समूहों में आर्थिक गतिविधियों, स्वामित्व पैटर्न, लगे हुए व्यक्तियों आदि के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है।
आर्थिक जनगणना का इतिहास
सातवीं आर्थिक जनगणना-2019 में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा संचालित की जा रही है। इससे पहले छह बार आर्थिक जनगणना की जा चुकी है। पहली बार 1977 में आर्थिक जनगणना की गई थी। इसके बाद दूसीर बार 1980 में, तीसरी बार 1990 में गणना की गी। आर्थिक जनगणना का चौथा संस्करण 1998 में हुआ, जबकि पांचवां 2005 में किया गया। आर्थिक जनगणना का छठा संस्करण वर्ष 2013 में आयोजित किया गया था।