प्रयागराज के ‘स्वराज भवन’ में फर्जीवाड़ा का खुलासा, एफआईआर दर्ज

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अनाथालय चिल्ड्रेन नेशनल इंस्टिट्यूट से चार बच्चियों को बिना इजाजत घर भेजे जाने का मामला 



लखनऊ/प्रयागराज, 25 नवम्बर (हि.स.)। कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा के पुरखों के भवन ‘स्वराज्य भवन’ में फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ है। इस भवन से संचालित अनाथालय चिल्ड्रेन नेशनल इंस्टिट्यूट से चार बच्चियों को बिना इजाजत घर भेजे जाने का मामला है। इस मामले में अनाथालय प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। विगत कई सालों से स्वराज भवन में चिल्ड्रेन नेशनल इंस्टीट्यूट संचालित हो रहा था।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मैजिस्ट्रेट कमलेश सिंह के आदेश पर प्रयागराज जिला प्रोबेशन अधिकारी की तरफ से प्रयागराज के कर्नलगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। कमलेश सिंह व समिति के 2 सदस्य ने 26 जून को संस्थान का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान रजिस्टर में दर्ज 4 बच्चियां संस्थान में मौजूद नहीं थी, जिस पर सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष कमलेश सिंह ने संस्थान को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा था। संस्थान के जवाब से कमलेश सिंह संतुष्ट नहीं हुये। श्री सिंह ने नियम विरुद्ध संस्थान के संचालन को लेकर प्रयागराज डीएम, ज़िला प्रोबेशन अधिकारी, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष व महिला कल्याण निदेशक को पत्र लिखा था।
स्वराज भवन प्रयागराज में स्थित है। इसका मूल नाम ‘आनन्द भवन’ है। स्वराज भवन से कांग्रेस की 4 पीढ़ियों का इतिहास जुड़ा है। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू ने स्वराज भवन-आनन्द भवन का निर्माण करवाया था। इसमें कांग्रेस के पुरखों से जुड़ी तथा पार्टी से संबंधित एक संग्रहालय है।मोतीलाल नेहरू 1930 में इसे राष्ट्र को समर्पित कर दिया था। इसके बाद यहां कांग्रेस कमेटी का मुख्यालय बनाया गया। भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जन्म यहीं पर हुआ था। आज इसे संग्रहालय का रूप दे दिया गया है। आज भी यहां का प्रबंधन कांग्रेस परिवार के हाथ में है।
अनाथालय प्रबंधन ने अपनी सफाई में कहा है कि संस्थान में ही बच्चियां मौजूद हैं। 18 वर्ष पूरे होने पर उन्हें संस्थान में नौकरी पर रखा गया है, जिसके चलते बच्चियों को बाहर भेजे जाने का भ्रम पैदा हुआ।

 


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