दिल्ली : ‘प्रखर’ वैन से होगा स्ट्रीट क्राइम कम !

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इस अभियान में रोहिणी जिला ‘प्रखर’ (07)  के साथ पीसीआरकर्मी व ट्रैफिक पुलिस ने करीब 250 गाड़ियों की चेकिंग करते हुए 35 लोगों के चालान किए और तीन गाड़ी जब्त कीं।



नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (हि.स.)। राजधानी दिल्ली में बढ़ते स्ट्रीट क्राइम (सड़क पर होने वाले अपराध) को रोकने लिये ‘प्रखर’ 15 स्ट्रीट क्रॉइम पेट्रोलिंग स्कॉर्पियो ने अपना काम दिखाना शुरू कर दिया है। राजधानी में बढ़ते अपराध को देखते हुए इन वैनों को उतारा गया है। डीसीपी (पीसीआर) सरभ सिन्हा के निर्देश पर पीसीआर स्टाफ ने ट्रैफिक स्टाफ के साथ संयुक्त ऑपरेशन चलाकर बीती देर शाम ‘प्रखर’ के साथ गश्त करते हुए वाहनों की चेकिंग की।
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता अनिल मित्तल के अनुसार, रोहिणी जिले और बाहरी दिल्ली में सबसे ज्यादा झपटमारी व लूटपाट की वारदात सामने आई रही थीं। इसी को देखते हुए सबसे पहले ऐसे इलाकों और टी प्वाइंट को चिह्नित कर ‘प्रखर’ गाड़ी ने गश्त शुरू की। पुलिस के अनुसार, एक सितम्बर से 26 सितम्बर तक झपटमारी व लूटपाट की कुल 57 वारदात हुईं। मगर  ‘प्रखर’ वैन की गश्त के बाद 26 सितम्बर से 19 अक्टूबर के बीच केवल 20  घटनाएं सामने आई। वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार अगर ‘प्रखर’ वैन की संख्या जिले में  बढ़ा दी जाए तो स्ट्रीट क्राइम और भी कम किया जा सकता है।
बड़े मार्केट और मेट्रो स्टेशन के पास बदमाश सक्रिय
पुलिस के अनुसार दीपावली का त्योहार नजदीक है। ऐसे में बड़े मार्केट और मेट्रो स्टेशन के पास स्ट्रीट क्राइम को अंजाम देने वाले बदमाश ज्यादा सक्रिय हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए पीसीआर ने शनिवार शाम चार बजे से शाम सात बजे तक मेट्रो वॉक, रोहिणी मार्केट व आसपास के बड़े मार्केट में  ‘प्रखर’ के साथ गश्त करते हुए वाहनों की चेकिंग की। इस अभियान में रोहिणी जिला ‘प्रखर’ (07)  के साथ पीसीआरकर्मी व ट्रैफिक पुलिस ने करीब 250 गाड़ियों की चेकिंग करते हुए 35 लोगों के चालान किए और तीन गाड़ी जब्त कीं।
यह है ‘प्रखर’ वैनः  प्रखर स्कॉर्पियो का नया संस्करण है। रफ्तार स्कॉर्पियो को मोडिफाई किया है। ‘प्रखर’ का तालमेल सीधा पीसीआर से है। पीसीआर के पास ही सी-मैप सिस्टम है। इसकी मदद से दिल्ली के क्राइम का विश्लेषण किया जाता है। पीसीआर ने ऐसे स्थान चिह्नित किए हैं, जहां क्राइम अधिक होता है। प्रखर का फोकस ऐसे इलाकों में होता है। प्रखर में चार लोगों की टीम होती है। इसमें दो महिला और दो पुरुष कर्मचारी होते हैं। शुरुआत में सभी जिलों में एक-एक ‘प्रखर’ दी गई है।  ‘प्रखर’ वैन पीसीआर से अलग है। यह आधुनिक तकनीक से लैस है।

 


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