पटना, 06 नवम्बर (हि.स.)। बिहार विधानसभा के तीसरे और अंतिम चरण में 15 जिलों की 78 सीटों पर मतदान 7 नवम्बर को होगा। कोविड गाइडलाइन के पालन और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 1,204 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा। इनमें 110 महिला उम्मीदवार शामिल हैं। इस चरण में कुल 2.35 करोड़ मतदाता हैं। उनमें 1,12,06,378 महिला और 894 ट्रांसजेंडर शामिल हैं। चुनाव आयोग की ओर से शुक्रवार को सभी मतदानकर्मियों को ईवीएम के साथ बूथों पर रवाना किया जा रहा है। शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान के लिए सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं। कोरोना वायरस महामारी को लेकर बूथों पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है।
मतदान सुबह 7 बजे शुरू होगा। अतिसंवेदनशील चार विधानसभा क्षेत्रों पश्चिम चंपारण जिला के वाल्मीकिनगर, रामनगर और सहरसा जिला के सिमरी बख्तियारपुर, महिषी में शाम 4 बजे तक वोट डाले जायेंगे। शेष 74 सीटों पर शाम छह बजे तक मतदान होगा। इसके लिए 33,782 मतदान केंद्र बनाये गये हैं। इनमें से 4,999 मतदान केंद्र संवेदनशील घोषित किये गये हैं। मतदान के लिए सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये गये हैं। मतदाताओं की संख्या के लिहाज से सहरसा सबसे बड़ी और मुजफ्फरपुर की गायघाट सबसे छोटी सीट है। महागठबंधन में 46 उम्मीदवार राजद के टिकट पर, 25 उम्मीदवार कांग्रेस के टिकट पर, पांच उम्मीदवार सीपीआई-एमएल (लिब्रेशन) के टिकट पर और दो उम्मीदवार सीपीआई के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। एनडीए में जदयू 37 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। भाजपा 35, वीआईपी पांच और हम एक सीट पर चुनाव लड़ रही है। लोजपा ने भी 42 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किये हैं। इसके ज्यादातर उम्मीदवार जदयू के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं।
बिहार में पहले चरण की 71 सीटों पर 28 अक्टूबर को और दूसरे चरण की 94 सीटों पर 3 नवम्बर को वोटिंग हुई थी। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 नवम्बर को आएंगे। इस बार मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी गठबंधन के बीच है। जदयू ने सीमांचल इलाके में पिछले विधानसभा चुनाव वर्ष 2015 में 23 सीटें जीती थीं, तब जदयू विपक्षी गठबंधन का हिस्सा था। इस बार जदयू भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहा है।
सीमांचल में मुस्लिम वोटों का बिखराव विपक्षी गठबंधन के लिए चुनौती
मुस्लिम बहुल सीमांचल इलाके में असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन पार्टी (एआईएमआईएम), लोजपा और एनसीपी विपक्षी गठबंधन के लिए चुनौती बनी है। एआईएमआईएम ने 24 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं। पार्टी को उम्मीद है कि उसे कम से कम 10 सीटों पर जीत हासिल होगी। सीमांचल की 19 सीटों पर मुस्लिम मतदाता जीत-हार में अहम भूमिका निभाते हैं। कोसी की 18 सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है। एआईएमआईएम ने 2015 में हुए उपचुनाव में किशनगंज विधानसभा सीट जीती थी। किशनगंज में मुस्लिम आबादी 60 फीसदी से ज्यादा है। अररिया में 45, कटिहार में 40 और पूर्णिया में 30 फीसदी मुस्लिम आबादी है। सीमांचल में एनआरसी, सीएए और पलायन सबसे बड़ा मुद्दा है।
अंतिम चरण में नीतीश कैबिनेट के 12 मंत्रियों की प्रतिष्ठा भी दांव पर
तीसरे और अंतिम चरण में नीतीश सरकार के 12 मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है। इन 12 मंत्रियों में आठ जदयू और चार भाजपा के हैं। जदयू के मंत्रियों में सुपौल से बिजेंद्र प्रसाद यादव, मधेपुरा के आलमनगर से नरेंद्र नारायण यादव, सिंघेश्वर (सुरक्षित) से रमेश ऋषिदेव, सिकटा से खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद, लौकहा से लक्ष्मेश्वर राय, रूपौली से बीमा भारती, दरभंगा जिले के बहादुरपुर से मदन सहनी और कल्याणपुर (सुरक्षित) सीट से महेश्वर हजारी चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा कोटे के मंत्रियों में मोतिहारी से प्रमोद कुमार, मुजफ्फरपुर से सुरेश शर्मा, मधुबनी जिले के बेनीपट्टी से विनोद नारायण झा और बनमनखी सीट से कृष्ण कुमार ऋषि शामिल हैं।
दिवंगत मंत्री विनोद सिंह की पत्नी निशा सिंह कटिहार के प्राणपुर से, जबकि कपिलदेव कामत की बहू मीना कामत मधुबनी जिले के बाबूबरही विस क्षेत्र से क्रमश: भाजपा और जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। इनके अलावा विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, विपक्ष के कद्दावर नेता अब्दुलवारी सिद्दीकी, सीपीआई के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय, पूर्व मंत्री रमई राम, वीआईपी प्रमुख और पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे मुकेश सहनी और पूर्व सांसद अश्वमेध देवी सरीखे राजनेता इसी चरण में चुनाव मैदान में हैं।
इन 78 विधानसभा सीटों पर डाले जायेंगे वोट
इन जिलों के वाल्मिकीनगर, रामनगर, नरकटियागंज, बगहा, लौरिया, सिकटा, रक्सौल, सुगौली, नरकटिया, मोतिहारी, चिरैरिया, ढाका, रीगा, बाथना, परिहार, सुशंद, बाजपत्ती, हरलाखी, बेनीपट्टी, खलौजी, बिस्फी, लौकाहा, निर्माली, पिपरा, सुपौल, त्रिवेणीनगर, छत्तापुर, नरपतगंज, रानीगंज, फारबिसगंज, अररिया, जोकीहाट, सिकटी, बहादुरगंज, ठाकुरगंज, किशनगंज, कोचंदमन, अमौर, बैसी, कस्बा, बनमनखी, रुपौली, धमांदा, पूर्णिया, कटिहार, कदवा, बलरामपुर, प्राणपुर, मणिहारी, बरारी, कोरहा, आलमगनर, बिहारीगंज, सिंघेश्वर, मधेपुरा, सोनबरसा, सहरसा, सिमरी बख्तियारपुर, महिषी, दरभंगा, हयाघाट, बहादुरपुर, केवटी, जाले, गायघाट, औराई, बोछन, सकरा, कुढ़नी, मुजफ्फरपुर, महुआ, पातेपुर, कल्याणपुर, वारिसनगर, समस्तीपुर, मोरवा, सरायरंजन में मतदान होंगे।
वाल्मिकीनगर संसदीय सीट पर भी 7 को ही डाले जायेंगे वोट
पश्चिम चंपारण की वाल्मिकीनगर संसदीय सीट पर भी सात नवम्बर को ही वोट डाले जायेंगे। इस उपचुनाव में कुल सात प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। इनके लिए कुल 1727837 मतदाता हैं। इसमें 806609 महिला तथा 95 ट्रांसजेंडर शामिल हैं। वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र में उपनिर्वाचन के लिए 2478 मतदान केंद्र बनाये गये हैं।