देहरादून, 12 मई (हि.स.)। तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुके कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के सामने एक चुनौती जस की तस है। चुनौती पार्टी को जीत का स्वाद चखाने की है। तीन साल के कार्यकाल के दौरान प्रीतम की अगुवाई में कांग्रेस ने जितने भी चुनाव लडे़ हैं, उसमें कोई भी एक ऐसा चुनाव नहीं रहा, जिसमें कांग्रेस जीत पाई हो। 2022 में जब उनका कार्यकाल पूरा होगा, तब तक विधानसभा के चुनाव निपट चुके होंगे। यानी प्रीतम को कुर्सी छोड़ने से पहले चुनाव के बडे़ इम्तिहान से गुजरना होगा। इस लिहाज से उन पर जीत का मंत्र तलाशने के लिए दबाव बढ़ना तय माना जा रहा है।
प्रीतम सिंह ने तीन साल के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस की गुटबाजी से जुडे़ कई इम्तिहान झेले हैं। हाल ये रहा कि वह ढाई साल तक अपनी प्रदेश इकाई ही घोषित नहीं कर पाए। हालांकि ये भी सच्चाई है कि कांग्रेस हाईकमान का उन पर भरोसा लगातार बना रहा है। इस दौरान भले ही पार्टी के भीतर उनके विरोधी उनको कुर्सी से हटाए जाने की खबरें फैलाते रहे लेकिन प्रीतम सिंह मजबूती से अपना काम करते रहे। उन पर मित्र विपक्ष के आरोप भी लगते रहे, लेकिन हाईकमान से कभी ऐसे कोई संकेत नहीं हुए, जिससे प्रीतम असहज होते। और तो और जिस वक्त प्रीतम सिंह ने कार्यभार संभाला था, उस वक्त कांग्रेस में किसी भी प्रदेश अध्यक्ष के लिए तीन साल का कार्यकाल ही तय था लेकिन इसमें बदलाव करके इसे पांच साल बढ़ा दिया गया है। यानी प्रीतम सिंह को एक हिसाब से तोहफा ही मिला है।
प्रीतम के तीन साल के कार्यकाल में चुनावों की झड़ी सी लगी रही। थराली और पिथौरागढ़ विधानसभा सीटों के रिक्त होने पर उपचुनाव की सूरत बनी। लोकसभा के चुनाव हुए और नगर निकाय व पंचायतों में चुनाव की चुनौती ने उनकी परीक्षा ली। थराली उपचुनाव और नगर निकाय व पंचायत चुनाव में कांग्रेस हारी, लेकिन मजबूती से लड़ते हुए भी दिखाई दी। लोकसभा चुनाव में तो प्रीतम सिंह प्रदेश अध्यक्ष के अलावा टिहरी संसदीय सीट पर पार्टी प्रत्याशी की भूमिका भी निभाते दिखाई दिए। हालांकि सफलता किसी स्तर पर नहीं मिली।
इन स्थितियों के बीच प्रीतम सिंह के सामने अब अपने कार्यकाल के बचे हुए दो सालों में कांग्रेस को जीत के रास्ते पर आगे ले जाने की बड़ी चुनौती है। लोकसभा चुनाव की तरह ही विधानसभा चुनाव में भी वह दोहरी भूमिका में रहेंगे। यानी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी तो होगी ही, चकराता की उस विधानसभा सीट पर उन्हें खुद भी मोर्चा संभालना होगा, जहां से वह मौजूदा विधायक हैं और लगातार जीतते आ रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि पार्टी की मजबूती के लिए पिछले तीन सालों में भरपूर मेहनत की गई है। सभी का साथ इस कार्य में मिला है। 2022 के चुनाव में कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन करेगी।