पटना, 14 सितम्बर (हि.स.) । प्रखर समाजवादी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन के बाद सियासत भी शुरू हो गई है। राजद ने जीवन के अंतिम दौर में जारी उनके पत्रों पर सवाल खड़े किये हैं। विदित हो कि रघुवंश प्रसाद सिंह ने दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज के दौरान राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद को पत्र लिखकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम से भी कई पत्र लिखे थे। अब राजद ने उन पत्रों की टाइमिंग को लेकर सवाल खड़े किये हैं। राजद के अनुसार आइसीयू में भर्ती गंभीर मरीज पत्र कैसे लिख सकता है? इसपर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने पलटवार करते हुए राजद को शर्म करने की नसीहत दी है।
राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि लालू व रघुवंश का रिश्ता खून-पसीने का रिश्ता था। इसपर सवाल उठाकर राजनीति नहीं होनी चाहिए। राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि रघुवंश प्रसाद सिंह के पत्र में सरकार ने साजिश की है। आइसीयू में भर्ती कोई गंभीर मरीज पत्र नहीं लिख सकता है। राजद के विधान पार्षद सुबोध राय ने भी पूछा है कि भला आइसीयू में भर्ती इंसान पत्र कैसे लिख सकता है? उनके अनुसार रघुवंश प्रसाद सिंह से उनकी मुलाकात हुई थी। उन्होंने कहा था कि वे पार्टी नहीं छोड़ सकते।
पप्पू यादव बोले: नीतीश कर रहे लाश पर राजनीति
उधर, पूर्व सांसद पप्पू यादव ने लालू प्रसाद के पक्ष में नीतीश कुमार पर हमला किया है। पप्पू यादव ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाया है कि वे रघुवंश बाबू की लाश पर राजनीति कर रहे हैं। लालू ने रघुवंश बाबू को जितना सम्मान दिया, नीतीश सात जन्म में भी नहीं दे सकते हैं। पप्पू यादव ने कहा कई नेताओं ने तो नीतीश कुमार को भी लेकर पत्र लिखे हैं। उन्होंने कहा है कि लालू के बाद राजद में मुख्यमंत्री बनने की योग्यता केवल रघुवंश प्रसाद सिंह में ही थी।
जीते-जी नहीं रखा ध्यान, अब मरने पर उठा रहे सवाल
राजद नेताओं के आरोपों पर एनडीए के नेताओं ने भी पलटवार किया है। भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि रघुवंश प्रसाद सिंह की आह से राजद बर्बाद हो जाएगा। उन्हें जिंदा रहते लोटा भर पानी बताया गया और आज मरने के बाद उनके जैसे विद्वान के पत्रों पर सवाल खड़े कर रहे हैं। जनता दल यूनाइटेड के नेता नीरज कुमार ने हमला करते हुए कहा कि राजद नेताओं को शर्म आनी चाहिए। उन्होंने जीते जी रघुवंश प्रसाद सिंह का ध्यान नहीं रखा और निधन के बाद ऐसे सवाल उठा रहे हैं।