नरेंद्र सिंह व रघुवंश बाबू की मुलाकात से राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी ,राजद में हो सकती है उथल-पुथल

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राजद के वरीष्ठ नेता और पार्टी उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद  सिंह और जदयू नेता और पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के बीच  हुई मुलाकात ने बिहार की राजनीति में एक अलग समीकरण बनाने की ओर इशारा कर दिया है जिसकी चर्चा  राजनीति के  गलियारे में भी जोरों से हो रही है।     



पटना,23 जून (हि.स.)। राजनीतिक में कब कौन दोस्त बन जाये और कब कोई दुश्मन इसका पता नहीं चलता। अभी हाल में हुए लोकसभा चुनाव में यह स्थिति साफ तौर से देखी गयी।  बिहार में 2020 में विधानसभा चुनाव होने वाला है ,इसे देखते हुए हर पार्टी के नेताओं के बीच मिलने-मिलाने का दौर जारी है। ऐसी ही एक मुलाकात ने राजद और जदयू की नयी कहानी परोसी है जिससे राजद में एक बड़ी फूट होने की संभावना जतायी जा रही है। दरअसल राजद के वरीष्ठ नेता और पार्टी उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद  सिंह और जदयू नेता और पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के बीच  हुई मुलाकात ने बिहार की राजनीति में एक अलग समीकरण बनाने की ओर इशारा कर दिया है जिसकी चर्चा  राजनीति के  गलियारे में भी जोरों से हो रही है।
राजद उपाध्यक्ष और लालू प्रसाद के बेहद नजदीकी माने जाने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह से जदयू नेता नरेंद्र सिंह ने रविवार को उनके पाटना स्थित आवास पर मुलाकात की। दोनों के बीच हुई इस मुलाकात को अभी की राजनीतिक स्थिति के अनुसार नये ढंग से जोड़कर देखा जा रहा है। आशंका जतायी जा रही है कि बहुत कम दिनों में राजद में एक बड़ी टूट होगी   क्योंकि मुलाकात के दौरान रघुवंश बाबू ने साफ-साफ कर दिया है कि  नीतीश से उन्हें परहेज नहीं, लेकिन वे किसी भी कीमत पर जदयू में नहीं जायेंगे। वे राजद में ही रहेंगे लेकिन भाजपा विरोधी गठबंधन में नीतीश से उन्हें कोई परहेज भी नहीं होगा। वहीं नरेंद्र सिंह ने कहा कि राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं। सूत्रों के अनुसार नरेंद्र सिंह खुद रघुवंश बाबू के आवास पर उनसे मिलने पहुंचे थे और सामने आ रही तस्वीर भी कुछ ऐसी ही बया कर रही है। तस्वीर में रघुवंश बाबू के साथ जदयू नेता नरेंद्र सिंह उनके आवास पर बैठे दिखाई दे रहे हैं।
मुलाकात के दौरान रघुवंश बाबू और नरेंद्र सिंह के बीच हुई लम्बी बातचीत के बाद रघुवंश बाबू ने कहा कि वे गैर भाजपा गठबंधन के हमेशा पक्ष में रहे हैं। यानी रघुवंश बाबू को नीतीश तो स्वीकार हैं, लेकिन भाजपा किसी भी कीमत पर नहीं। साफ है कि वे एनडीए से अलग हुए नीतीश को ही पसंद करेंगे। इससे साफ लगता है कि आनेवाले दिनों में राजद और जदयू में उपेक्षित चल रहे नरेंद्र सिंह जैसे लोगों को साथ लेकर माइनस भाजपा गठबंधन पर रघुवंश बाबू और उन जैसे नेता गंभीरता से विचार कर रहे हैं। रघुवंश बाबू ने कहा भी कि चाहे सीएम नीतीश हों या कोई और भाजपा के खिलाफ जो आएगा उसका हम स्वागत करेंगे।
जदयू नेता नरेंद्र सिंह ने तो इस मुलाकात को राजनीतिक बताने से इंकार कर दिया लेकिन उनके बयानों से यह नहीं लगाता। नरेंद्र सिंह ने इसे व्यक्तिगत मुलाकात बतायी । इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति में न तो कोई स्थायी दोस्त होता है और ना ही स्थायी दुश्मन। नरेंद्र सिंह ने कहा कि राजनीति में कुछ भी हो सकता है और वे जल्द ही इस मुलाकात के मकसद का खुलासा करेंगे। सही समय आने पर सब पता चल जायेगा कुछ दिन इंतज़ार करें।
बता दें कि लोकसभा चुनाव में राजद की हुई करारी हार के बाद पार्टी में कुछ ठीक नहीं चल रहा। चुनाव में पार्टी के नेतृत्वकर्ता तेजस्वी यादव को पार्टी के ही सदस्य असफल राजनेता मान रहे हैं  तो पार्टी के बड़े और छोटे नेता भी उन्हें हटाने की मांग करने लगे हैं । तेजस्वी यादव से रघुवंश बाबू भी कुछ दिनों से खफा चल रहे हैं ।

 


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