लखनऊ, 18 अगस्त (हि.स.)। यूपी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अटकलें तेज हो गयी हैं। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस सप्ताह ही मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा। इस मंत्रिमंडल विस्तार में जहां आधा दर्जन से अधिक मंत्रियों के छुट्टी हो सकती है, वहीं कुछ मंत्रियों के दायित्व बढ़ाये जाने के साथ ही कई नए चेहरे भी देखने को मिलेंगे। इस मंत्रिमंडल में युवा व संगठन से जुड़े चेहरों को तरहीज दिए जाने की संभावना जताई जा रही है।
भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ मुख्यमंत्री व संगठन महामंत्री, अध्यक्ष की वार्ता के बाद पूरी सूची तैयार हो गयी है। अब मंत्रिमंडल विस्तार के दिन के बारे में फैसला मुख्यमंत्री को लेना है। इसी के लिए शनिवार काे देर रात मुख्यमंत्री राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से भी मिले और इस संबंध में चर्चाएं की। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मंत्री से लेकर विधायक तक लखनऊ में डेरा जमाए हुए हैं और सभी लोग नामों की सूची पर अंदरूनी रूप से पता करने और अपनी लाबिंग में जुट गये हैं।
जिन कैबिनेट मंत्रियों ने नहीं किया कार्य का बंटवारा, उनसे संगठन नाराज
माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में कई जनप्रतिनिधियों व मंत्रियों की भूमिका से संगठन नाराज है। वहीं कई लोगों की कार्यशैली से मुख्यमंत्री भी नाराज चल रहे हैं। कुछ कैबिनेट मंत्री तो अभी तक अपने अधिनस्थ राज्य मंत्रियों में कार्य का बटवारा ही नहीं किये और राज्यमंत्री अब तक खाली ही बैठे हुए हैं। ऐसे मंत्रियों से संगठन की नाराजगी भी जाहिर कर चुका है। इन मंत्रियों के भी पर काटे जा सकते हैं। कुछ की पदावनति तो कुछ के विभाग बदले जाएंगे।
लोकसभा चुनाव में भूमिका की हुई है समीक्षा
इस कैबिनेट विस्तार में मंत्रियों के प्रभार क्षेत्र और गृह जनपद में लोकसभा चुनाव में रही भूमिका की भी समीक्षा हुई है। उसके हिसाब से ही उनके पदोन्नति और पदावनति पर विचार किया गया है। इसके साथ ही कई नए चेहरों पर भी विचार हो चुका है। इस मंत्रिमंडल विस्तार में युवा चेहरों को ज्यादा तवज्जो दिए जाने के साथ ही पिछड़ा वर्ग पर भी विशेष ध्यान देने की बात कही जा रही है।