पटना, 29 जनवरी (हि.स.) : प्रशांत किशोर और पवन वर्मा जदयू से बाहर कार दिए गए है. पिछले कई दिनों से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) को लेकर पार्टी के ये दोनों वरिष्ठ नेता प्रशांत किशोर और पवन वर्मा न केवल भाजपा के खिलाफ बल्कि जदयू के खिलाफ भी बयानबाजी और ट्वीट कर रहे थे. प्रशांत किशोर ने तो कई बार किसी और को नहीं बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही अपने खिलाफ कार्रवाई करने की चुनौती दी थी. नीतीश कुमार तो दोनों की बयानबाजी से आजिज आकर यहाँ तक कहा था कि जिसे जहाँ जाना है चला जाए, हमारी शुभकामनाएँ उनके साथ हैं .
जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि प्रशांत किशोर और पवन वर्मा दोनों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता के साथ-साथ दूसरी जिम्मेवारियों से तत्काल प्रभाव से मुक्त किया जाता है. दोनों को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है. इधर, जदयू से जुड़े सूत्रों ने बताया कि मंगलवार की देर शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की जरुरी बैठक बुलाई थी. इस बैठक में ही प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने का फैसला ले लिया गया. बता दें कि प्रशांत किशोर और जदयू के पूर्व राज्यसभा सदस्य पवन वर्मा सीएए और एनआरसी को लेकर लगातार पार्टी और गठबंधन विरोधी बयान दे रहे थे. उन्होंने कई मौकों कर भाजपा के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर भी हमला बोला था और कांग्रेस से सीएए व एनआरसी का विरोध करने का ट्वीट कर रहे थे, जबकि, जदयू ने सीएए को संसद के दोनों सदनों में समर्थन दिया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को ही साफ संकेत दे दिया था कि वे इस मामले में पीके और पवन वर्मा को छोड़ने वाले नहीं हैं . बता दें कि नीतीश कुमार ने कल भी दोहराया था कि पीके को उन्होंने अमित शाह के कहने पर जदयू का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया था. नीतीश कुमार के इस बयान के बाद पीके के खिलाफ जदयू नेताओं के तीखे बयान भी आने लगे और किसी ने दोनों को धंधेबाज कहा तो किसी ने कोरोना वायरस तक की संज्ञा दे डाली. जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने प्रशांत किशोर को नेता नहीं धंधेबाज बताया। उन्होंने कहा कि चार टांग वाले को तो बांध कर रखा जा सकता है, दो टांग वाले को बांधना संभव नहीं। जदयू विधायक श्याम बहादुर सिंह ने कहा कि प्रशांत किशोर को तो पार्टी से काफी पहले निकाल देना चाहिए था। इसमें देर हुई है। उन्होंने प्रशांत किशोर को ‘जाली माल‘ करार दिया। जदयू नेता अजय आलोक ने कहा कि प्रशांत किशोर कॉरपोरेट दलाल व कोरोना वायरस हैं। नीतीश के रहमोकरम पर पार्टी में आए और अपनी औकात भूल गए। मार्केट में उनकी विश्वसनीयता ख़त्म हो गयी है.
जदयू की इस कार्रवाई पर प्रशांत किशोर ने ट्वीट करते हुए कहा है -धन्यवाद.मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने रहने के लिए शुभकामना. खबर है कि प्रशांत किशोर अगले मंगलवार को पटना आएंगे और इस सम्बन्ध में प्रेस कांफ्रेंस करेंगे.