नई दिल्ली, 16 जून (हि.स)। लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष व सांसद चिराग पासवान ने बुधवार को कहा कि मैं चाहता था कि परिवार की बात बंद कमरे में निपट जाए, लेकिन अब यह लड़ाई लंबी चलेगी और कानूनी तरीके से लड़ी जाएगी। लोजपा में मौजूदा संकट के लिए उन्होंने अपने चाचा व सांसद पशुपति कुमार पारस को जिम्मेदार ठहराया है।
लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने पत्रकार वार्ता में कहा कि मैं एक शेर का बेटा हूं, उस वक्त जब चुनाव लड़ सकता हूं तो आज की तारीख में भी लड़ाई लड़ सकता हूं। उन्होंने जदयू नेता व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कई लोगों ने दलित व महादलित को बांटकर सिर्फ अपना फायदा देखा। वहीं लोग पार्टी और घर में भी विभाजन करा रहे हैं।
चिराग पासवान ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में पार्टी के अंदर जो घटनाक्रम हुआ है, उसकी उन्हें उम्मीद नहीं थी। आगे उन्होंने कहा कि उनकी खुद की तबीयत पिछले कुछ दिनों से खराब है, लेकिन इसके बावजूद वे पार्टी में मौजूदा हालात का सामना करने को मजबूर हैं।
आगे उन्होंने कहा कि जब उनके पिता बीमार थे, उस वक्त भी पार्टी को तोड़ने की कोशिश की गई थी। अपने चाचा पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग आराम तलब राजनीति चाहते थे। लोजपा में मौजूदा संकट के लिए अपने चाचा व सांसद पशुपति कुमार पारस को जिम्मेदार ठहराया है।
चिराग पासवान ने कहा है वे परिवार के अंदर चल रही चीजों को राजनीतिक तौर पर सामने नहीं लाना चाहते थे। लेकिन अपने पिता की मौत के बाद ऐसे कई मौके आए, जब चाचा पशुपति पारस ने परिवार और पार्टी को तोड़ने की कोशिश की।
चिराग ने कहा कि लोजपा अध्यक्ष होने के नाते मजबूरी में चाचा पशुपति पारस समेत पांच सांसदों को पार्टी से बाहर करने का फैसला किया। यह फैसला संवैधानिक तरीके से पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर लिया गया है। पार्टी को मजबूत बनाने और अनुशासन बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
डॉक्टर विकास सिंह , प्रदेश अध्यक्ष दिल्ली , युवा लोकजनशक्ति पार्टी,के नेतृत्व में , पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ एलजेपी के निलंबित सांसद श्री पशुपति पारस के आवास के बाहर प्रदर्शन किया गया। डॉक्टर सिंह ने कहा कि श्री पारस ने अन्य चार सांसदों के साथ मिलकर पार्टी नेतृत्व श्री चिराग पासवान एवं स्वर्गीय राम विलास पासवान के भावनाओं के साथ विश्वासघात किया है । आगामी चुनाव में बिहार की की जनता उन्हें अवश्य ही सबक सबक सिखाएगी