मणिपुर में राजनीतिक संकट गहराया
सूत्रों ने दावा किया है कि नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस (नेडा) के संयोजक और असम सरकार के प्रभावशाली मंत्री डॉ हिमंत विश्वशर्मा इस राजनीतिक संकट को दूर करने की भरपूर कोशिश में जुटे हुए हैं। फिलहाल उन्हें इसमें सफलता नहीं मिल पाई है। सूत्रों ने बताया है कि मणिपुर भाजपा के अधिकांश विधायक वर्तमान समय में दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं।
इंफाल, 29 जनवरी (हि.स.)। मणिपुर में इन दिनों राजनीतिक संकट गहरा गया है। माना जा रहा है कि हालात अगर जल्द नहीं सुधरे तो राष्ट्रपति शासन भी लगाया जा सकता है।
सूत्रों ने दावा किया है कि नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस (नेडा) के संयोजक और असम सरकार के प्रभावशाली मंत्री डॉ हिमंत विश्वशर्मा इस राजनीतिक संकट को दूर करने की भरपूर कोशिश में जुटे हुए हैं। फिलहाल उन्हें इसमें सफलता नहीं मिल पाई है। सूत्रों ने बताया है कि मणिपुर भाजपा के अधिकांश विधायक वर्तमान समय में दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि मणिपुर में भाजपा नीत गठबंधन सरकार के बीच मतभेद चरम पर है। इस राजनीतिक संकट का समाधान खोजने में पार्टी के वरिष्ठ नेता जुटे हुए हैं। सूत्रों ने बताया है कि मणिपुर सरकार में मंत्री टीएस विश्वजीत वर्तमान समय में मुख्यमंत्री एन वीरेन सिंह को गद्दी से हटाने के लिए अपनी ओर से भरपूर प्रयास कर रहे हैं। मंत्री विश्वजीत के सहयोगी विधायक एक बार फिर से दिल्ली में पहुंचकर भाजपा के शीर्ष नेताओं से मिलकर अपनी बात रखने में जुटे हुए हैं।
सूत्रों ने बताया है कि मुख्यमंत्री एन वीरेन सिंह भी अपनी गद्दी को बचाने के लिए अपने समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली पहुंच चुके हैं। भाजपा के केंद्रीय नेता भी इस संकट को दूर करने के लिए पूरी तरह से तत्पर हैं।
मिली जानकारी के अनुसार पार्टी हाईकमान ने विधानसभा अध्यक्ष यामनाम खेमचंद और उपमुख्यमंत्री वाई जयकुमार को तत्काल दिल्ली बुलाया है, ताकि इस राजनीतिक संकट का कोई समाधान ढूंढ़ा जा सके।
उल्लेखनीय है कि इस राजनीतिक संकट के समाधान के लिए मुख्यमंत्री एन वीरेन सिंह ने राजधानी इंफाल में पिछले दिनों एक बैठक बुलाई थी। बैठक में अधिकांश विधायक शामिल नहीं हुए। राजनीतिक जानकारों के अनुसार यदि इस संकट का समाधान समय रहते नहीं हुआ, तो मणिपुर विधानसभा को निलम्बित (सस्पेंडेड एनीमेशन) में रखते हुए राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।
फिलहाल इस संकट के समाधान के लिए केंद्रीय नेता दिल्ली में पूरा जोर लगा रहे हैं। माना जा रहा है कि इस संकट के पीछे कहीं न कहीं कांग्रेस पार्टी का हाथ है। हालांकि खुले तौर पर कांग्रेस इससे इनकार कर रही है। दबी आवाज में कांग्रेस इसे भाजपा का अंदरुनी मामला बता रही है।