पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो मामलों में वृद्धि से गहराया संकट

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विश्व स्वास्थ्य संगठन और इंटेरनेशनल रोटरी क्लब की ओर से 31 वर्ष पूर्व प्लस पोलियो अभियान शुरू हुआ था। इस पर अभी तक 16 अरब डॉलर की धनराशि व्यय की जा चुकी है। 



लॉस-एंजेल्स, 18 जुलाई (हि.स.)। पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो मामलों में वृद्धि से संकट और गहरा गया है। पाकिस्तान के सीमावर्ती आदिवासी क्षेत्रों में गंदे नालों में सीवेज के पानी के परीक्षण से जिन नए मामलों का पता चला है, उस पर पड़ोसी देशों को पोलियो के विषाणु से बचाव के उपाय करने के लिए आगाह किया जा रहा है।
ईरान में पोलियो के नए मामले सामने नहीं आए हैं लेकिन चीन के पश्चिमी हिस्सों में उईगर मुस्लिम वर्ग में पोलियो रोग से अभी तक मुक्ति नहीं मिली है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान, दोनों देशों में 42 नए मामले प्रकाश में आए हैं। इनमें पाकिस्तान में 32 नए मामलों का पता चला है, जबकि पिछले साल इन्हीं दिनों गर्मियों में 12 मामले सामने आए थे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन और इंटेरनेशनल रोटरी क्लब की ओर से 31 वर्ष पूर्व प्लस पोलियो अभियान शुरू हुआ था। इस पर अभी तक 16 अरब डॉलर की धनराशि व्यय की जा चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के प्रयासों से भारत करीब एक दशक पूर्व पोलियो से मुक्ति पा चुका है।
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार पाकिस्तान में वर्ष 2018 में 12 और 2017 में मात्र आठ नये ममले सामने आए थे। पाकिस्तान और अफगानिस्तान सहित करीब 12 अफ्रीकी देश हैं, जो पोलियो से अभी तक निजात नहीं पा सके हैं। अफ्रीकी देशों में अंगोला, कांगो, इथोपिया, इंडोनेशिया, मोजांबिक, नाइजर, नाइजेरिया, पपुआ न्यू गिनी और सोमालिया आदि देश हैं।
लंदन टाइम्स ने हाल ही में एक रिपोर्ट में कहा कि पोलियो की दो बूंदों ने एक दम्पति को तलाक के गर्त में झोंक दिया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एक पुरुष ने जब अपने दोनों बच्चों के हाथों पर पोलियो की दो बूंदे पिलाने के निशान देखे तो उसने अपनी बेगम को तत्काल तीन बार तलाक कह दिया। इसका कारण मुस्लिम समुदाय में पोलियो के प्रति भ्रांतियां बताई जाती है।

 


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