कोलकाता, 23 मई (हि.स.)। चक्रवाती तूफान अम्फन से प्रभावित क्षेत्रों के दौरे को लेकर भी पश्चिम बंगाल में राजनीतिक सरगर्मी तेज होने लगी है। उत्तर 24 परगना के बशीरहाट संसदीय क्षेत्र में चक्रवात प्रभावित इलाकों का दौरा करने जा रहे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष को पुलिस ने बलपूर्वक रोक दिया है।
शनिवार सुबह वह अपनी गाड़ी से बासंती और कैनिंग के चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए जा रहे थे। उनके साथ पार्टी के और नेता भी थे लेकिन जैसे ही उनकी गाड़ी पाटुली ब्रिज के पास पहुंची, पुलिस ने उन्हें रोक दिया। आगे की सड़क पर बैरिकेडिंग की गई थी जिसकी वजह से उनकी गाड़ी का किसी भी तरह से घूम कर जा पाना संभव नहीं था। इसे लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस से सवाल-जवाब भी शुरू कर दिया था। प्रशासन का कहना था कि चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में दिलीप के दौरे से राहत और बचाव कार्य में बाधा पहुंचेगी। राज्य प्रशासन के इस रवैए को लेकर दिलीप घोष ने सवाल खड़ा किया है। उन्होंने पूछा कि आखिर क्या वजह है कि उन्हें पीड़ित लोगों से मिलने नहीं दिया जा रहा?
प्रदेश भाजपा ने भी इस घटना का जिक्र अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किया है। पार्टी की ओर से किए गए ट्वीट में पूछा गया है कि दिलीप घोष जब बासंती और कैनिंग के चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में पीड़ितों से मिलने के लिए जा रहे थे, तब राज्य प्रशासन ने उन्हें पाटुली ब्रिज के पास क्यों रोका? आखिर ममता बनर्जी बताएं कि अब राजनीति कौन कर रहा है?
दरअसल एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पश्चिम बंगाल के दौरे पर आए थे। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ हेलीकॉप्टर में बैठकर चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया था। पीएम में बंगाल के लिए 1000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी चक्रवात के घातक प्रभाव को देखते हुए अपील की थी कि संकट के समय में राजनीति छोड़कर सब को एकजुट तरीके से काम करने चाहिए। अब जबकि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की गाड़ी को रोक दिया गया है तो भाजपा इसे लेकर राज्य प्रशासन के रवैए पर सवाल खड़ा कर रही है।