नई दिल्ली, 28 जनवरी (हि.स.)। ट्रैक्टर रैली के दौरान हुईं घटनाओं के बाद अर्धसैनिक बलों व पुलिस ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है। किसान आंदोलन के नाम पर लगभग दो माह तक ‘हाईजैक’ किये गये टिकरी बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर दिए हैं। किसानों के धरना स्थल से करीब एक किलोमीटर पहले बैरिकेडिंग लगाकर रास्तों को पूरी तरह बंद कर दिया गया है।
दिल्ली की सीमाओं से 26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर रैली निकाले जाने के बाद प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए और उन्हें रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज से लेकर आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े थे। दिल्ली में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद वापस धरना स्थल पर लौट रहे किसानों को वहां टिकने नहीं दिया जा रहा है। तीनों जगह टिकरी बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर दिए गये हैं।
टिकरी बॉर्डर मेट्रो स्टेशन के नीचे पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दी गई है। इससे पहले पुलिस ने धरना स्थल से केवल 100 मीटर की दूरी पर ही बैरिकेड लगाए गए थे लेकिन अब टिकरी बॉर्डर मेट्रो स्टेशन के नीचे बैरिकेडिंग लगा दी गई है। इतना ही नहीं आम जनता को भी इस मेट्रो स्टेशन का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। पुलिस उन्हें दूसरे मेट्रो स्टेशन पर जाने के निर्देश दे रही है। टिकरी बॉर्डर पर पुलिस फोर्स के अलावा रात से अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त टुकड़ियों को भी तैनात कर गया है। ताकि अगर किसानों ने किसी भी तरह का हंगामा किया, तो उन्हें किसी कीमत पर टिकरी बॉर्डर से आगे ना बढ़ने दिया जाए।
इसी तरह गाजीपुर बॉर्डर के पास भारी पुलिसबल तैनात किया गया है। यहां पैरामिलिट्री फोर्स और पीएसी की करीब दस कंपनियां तैनात की गई हैं। गाजियाबाद पुलिस के भी बड़े अधिकारी खुद बॉर्डर की निगरानी कर रहे हैं। गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का धरना लगातार जारी है लेकिन बीती रात यहां की बिजली आपूर्ति बाधित करने के बाद से किसान धरना स्थल खाली कर रहे हैं। यहां आज दोपहर में अर्द्ध सैनिक बलों ने फ्लैग मार्च भी किया है।
गणतंत्र दिवस के दिन लाल किले पर हुई घटना से सिंघु बॉर्डर के आसपास के ग्रामीणों में बेहद नाराजगी है। आज बॉर्डर पर ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया और कहा कि किसानों के आंदोलन के चलते सीमावर्ती लोगों को काफी दिक्कतें हुईं हैं, इसलिए अब सिंघु बॉर्डर खाली होना चाहिए। गांववालों ने आंदोलन कर रहे किसानों के खिलाफ प्रदर्शन करने के दौरान हाइवे खाली करने की मांग की है। गांव वालों का कहना है कि लाल किले पर जिस तरह तिरंगे का अपमान हुआ है, वो नहीं सहेंगे। पुलिस ने यहां भी भारी संख्या में बल तैनात करके ग्रामीणों को सुरक्षा का आश्वासन दिया है।