वाराणसी : हरसोस जंसा में पुलिसकर्मियों की पिटाई के बाद बवाल से दहशत

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बदमाशों को पकड़ने गई जौनपुर स्वाट टीम को ग्रामीणों ने बंधक बना जमकर पीटा-छुड़ाने गये पुलिस कर्मियों पर गांव वालों ने किया पथराव 



वाराणसी, 29 अक्टूबर (हि.स.)। जंसा थाना क्षेत्र के हरसोस गांव में सोमवार की देर शाम बंधक बने पुलिस कर्मियों को छुड़ाने गई पुलिस टीम पर पथराव के बाद बवाल से पूरे गांव में दहशत का माहौल है। बवाल में शामिल 30 से अधिक ग्रामीणों को देर रात हिरासत में लेने के बाद गांव में तनाव को देखते हुए मंगलवार को भारी संख्या में फोर्स की तैनाती की गई। पुलिस की पिटाई को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।
दरअसल, हरसोस गांव निवासी राजन भारद्वाज और राहुल की जौनपुर पुलिस को लूट समेत कई संगीन अपराध में तलाश थी । गत सोमवार की देर शाम जौनपुर स्वाट टीम को सूचना मिली कि दोनों बदमाश दीपावली पर घर आए हैं। सूचना पाते ही जौनपुर की स्वाट टीम बोलेरो और बाइक पर सवार होकर हरसोस गांव पहुंची। इसी दौरान दोनों बदमाश अपने घर से खाना खाकर सोने के लिए मड़ई पर जा रहे थे। दोनों को देख पुलिस टीम ने दौड़कर उन्हें पकड़ लिया और खींचकर उन्हें गाड़ी में बैठाने लगी। इसी बीच राहुल पुलिस कर्मियों को धक्का देकर भाग निकला लेकिन राजन को पुलिस ने पकड़ लिया। शोर सुनकर वहां जुटे ग्रामीणों ने पुलिस कर्मियों को बदमाश समझ कर घेर लिया। बाइक सवार पुलिसकर्मियों और स्वाट टीम को पकड़ कर ग्रामीणों ने उन्हें पेड़ से बांधकर जमकर पीटा और उनकी दो पिस्टल भी लूट  ली।
सूचना पाकर पीआरबी और रोहनिया पुलिस गांव में पहुंच कर पुलिसकर्मियों को छुड़ाने लगी तो ग्रामीणों ने उन पर भी पथराव कर दिया। पथराव से स्वाट प्रभारी, रोहनिया थाना प्रभारी और करीब आधा दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गए। घायल पुलिस कर्मियों की सूचना पर भारी फोर्स के साथ एसपी ग्रामीण और अन्य अफसर मौके पर पहुंचे। घायल पुलिस कर्मियों और बंधक बने पुलिस कर्मियों को किसी तरह ग्रामीणों से छुड़ाकर इलाज के लिए बीएचयू ट्रामा सेंटर भेजा गया। इसके बाद फोर्स ने पुलिस कर्मियों के गायब पिस्टल की तलाश और बवाल के लिए जिम्मेदार ग्रामीणों की गिरफ्तारी के लिए सघन तलाशी अभियान चलाया तो ग्रामीणों के साथ महिलाओं ने विरोध करना शुरू कर दिया। नाराज पुलिस टीम ने ग्रामीणों की पिटाई करते हुए 30 से अधिक ग्रामीणों को हिरासत में ले लिया। पिटाई से गांव की बिट्ठल देवी (60) और भारती देवी (30) नामक महिलाएं भी घायल हो गईं।
घायल महिलाओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने ऐसे लोगों को पीटा जिनका इस बवाल से कुछ लेना देना नही था। भारद्वाज बस्ती के बवाली गांव छोड़कर तो भाग निकले लेकिन पुलिस दलित बस्ती के लोगों को मारने पीटने के बाद उत्पीड़न कर रही है।

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