नई दिल्ली, 31 मार्च (हि.स.)। राजधानी के प्रसिद्ध निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मरकज (केंद्र) की लापरवाही के मामले में मंगलवार को कई अहम खुलासे हुए हैं। मरकज भवन में 1500 से 1700 लोग इकट्ठे हुए थे। इसमें से 1033 लोगों को अब तक निकाला गया है। इनमें से 335 को अस्पताल भेजा गया है और करीब 700 को पृथक केंद्र भेजा गया है।
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया की प्रसिद्ध दरगाह के नजदीक मरकज में कई सभाएं हईं, जिनमें सऊदी अरब, इंडोनेशिया, दुबई, उज्बेकिस्तान और मलेशिया समेत अनेक देशों के मुस्लिम धर्म प्रचारकों ने भाग लिया था। स्वास्थ्य विभाग की मदद से निजामुद्दीन के मरकज से लगभग 1000 लोगों को अब तक निकाल लिया गया है। इसमें से 335 से ज्यादा लोगों को अस्पताल भेजा गया है। करीब 700 लोगों को अलग रखा गया है। इस मामले में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि हम संख्या के बारे में निश्चित नहीं हैं, लेकिन यह अनुमान है कि 1500 से 1700 लोग मरकज भवन में इकट्ठे हुए थे। 1033 लोगों को अब तक निकाला गया है। इनमें से 335 को अस्पताल भेजा गया है और 700 को पृथक केंद्र भेजा गया है।
अब तक 24 लोग कोरोना पॉजिटिव
पुलिस सूत्रों के अनुसार, मरकज में शामिल होने वाले लोगों में से 24 को कोरोना वायरस टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया है। सभा में देशभर के विभिन्न हिस्सों से करीब 600 भारतीयों ने भी इसमें हिस्सा लिया। दिल्ली पुलिस और अर्द्धसैनिक बल के जवानों ने निजामुद्दीन पश्चिम में एक प्रमुख इलाके की घेराबंदी कर दी है। कोरोना वायरस संक्रमण के 25 नए मामले सामने आने के बाद दिल्ली में इस घातक वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 97 हो गई है।
विदेशी जमाती पुलिस रडार से दूर
पुलिस के लिये निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मरकज (केंद्र) में शामिल हुए 310 विदेशी जमातियों की तलाश में पुलिस के विशेष दस्तों को भी सफलता नहीं मिल रही हैं। इन जमातियों में नेपाल से 19, मलेशिया 20, अफगानिस्तान 1, मंम्यार 33, अलजेरिया 1, दाजीबोटी 1, करिस्तान 28, इंडोनेशिया 72, थाईलेंड 71, श्रीलंका 34, बंगलादेश 19, इंग्लैंड 3, सिंगापुर 1, फिजी 4, और फ्रांस 1 और कुवैत के 2 लोग शामिल है।
देश में राज्यों के 1549 जमातियों पर प्रशासन की नजर
इसी क्रम में अंडमान-निकोबार से 21, असम से 216, बिहार से 86, हरियाणा से 22, हिमाचल से 15, हैदराबाद से 55, कर्नाटक से 45, केरल से 15, महाराष्ट्र से 109, मेघालय से 05, मध्यप्रदेश से 107, ओडिशा से 15, पंजाब से 09, राजस्थान से 19, रांची से 46, तमिलनाडु से 501, उत्तराखंड से 34, उत्तर प्रदेश से 156 और वेस्ट बंगाल से 73 जमातियों पर पुलिस की विशेष नजर है। इन जमातियों की यात्रा संबंधी जिलों की डिटेल प्रशासन खंगाल रही है।
उत्तर प्रदेश के 18 जिलों पर पुलिस की नजर
पुलिस के अनुसार, हाई अलर्ट पर रखे गए जिलों के पुलिस प्रमुखों को दिल्ली में बैठक में भाग लेने वाले लोगों की पहचान कर उनकी मेडिकल जांच कराने के लिए कहा गया है। साथ ही उन्हें मंगलवार शाम तक इस विषय पर रिपोर्ट सौंपने के लिए भी कहा गया है। इसके चलते गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, हापुड़, बिजनौर, बागपत, वाराणसी, भदोही, मथुरा, आगरा, सीतापुर, बाराबंकी, प्रयागराज, बहराइच, गोंडा और बलरामपुर जिलों में खासी सतर्कता बरती जा रही है। पुलिस के अनुसार, इन जिलों पर इस लिये विशेष निगरानी रख रही है, पुलिस का मानना है कि यह लोग जमात में धर्म प्रचार करने आये थे।
तेलंगाना में उन छह लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मौत हो गई, जिन्होंने दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में 13 मार्च से 15 मार्च के बीच धार्मिक सभा में हिस्सा लिया था। इसी को देखते हुए उत्तर प्रदेश के 18 जिलों में हाई अलर्ट कर दिया गया है। दिल्ली के निजामुद्दीन में 13 मार्च से 15 मार्च तक लगभग 2000 लोगों की धार्मिक बैठक तबलीगी जमात में शामिल हुए लोगों की जानकारी मिलने के बाद उत्तर प्रदेश के 18 जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इस जमात में हिस्सा लेने वाले तेलंगाना के छह लोगों की मौत हो गई। उन सभी का कोरोनावायरस परीक्षण पॉजिटिव निकला था।
जामा मस्जिद में भी आये थे यह लोग
पुलिस सूत्रों के अनुसार, प्रत्येक राज्य की अपने यहां के मंदिर व अन्य एतिहासिक स्थलों की विशेषता होती है। कोई भी व्यक्ति अगर बाहर से आता है तो वह उन प्रसिद्ध दरगाह व स्थानों में घूमने जरूर जाता है। ऐसे में पुलिस को आशंका है कि निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात में शामिल हुए जमातियों ने लाकडाउन से पहले जामा मस्जिद में आकर भी नमाज अता की हो। ऐसे में इन कोरोना संदिग्धों के संपर्क में कितने लोग आये हों, इसकी संख्या का अनुमान लगाना बेमानी है।