आपराधिक मामले में सिसोदिया को मिली क्लीन चिट

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नई दिल्ली, 24 फरवरी (हि.स.)। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ वकील अलख आलोक श्रीवास्तव की ओर से दायर आपराधिक मामले में दिल्ली पुलिस ने सिसोदिया को क्लीन चिट दे दी है। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को राऊज एवेन्यू कोर्ट में दाखिल एक्शन टेकन रिपोर्ट में कहा है कि मनीष सिसोदिया की ओर से किया गया ट्वीट महज आरोप हैं और वो भारतीय दंड संहिता की धारा 153, 153ए, 504 और 505 के तहत नहीं आता है।

पिछले सात फरवरी को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से एक्शन टेकन रिपोर्ट तलब किया था। याचिका में कहा गया है कि मनीष सिसोदिया ने 15 दिसम्बर,2019 को एक ट्वीट के जरिए फेक न्यूज फैलाने का काम किया है। याचिका में अलख आलोक श्रीवास्तव ने आरोप लगाया है कि मनीष सिसोदिया ने फेक न्यूज फैलाई थी कि जामिया हिंसा के दौरान दिल्ली पुलिस ने बस में आग लगाई थी। याचिका में कहा गया है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के पारित होने के बाद 15 दिसम्बर,2019 को जामिया इलाके में विरोध के नाम पर हिंसा की गई। इस हिंसा से दिल्ली पुलिस ने संयम से निपटा।

याचिका में कहा गया है कि मनीष सिसोदिया ने 15 दिसम्बर,2019 को शाम सात बजे अपने आपराधिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया कि “चुनाव में हार के डर से भाजपा दिल्ली में आग लगवा रही है। आम आदमी पार्टी किसी भी तरह की हिंसा के खिलाफ है। ये भाजपा की घटिया राजनीति है। इस वीडियो में खुद देखें कि किस तरह पुलिस के संरक्षण में आग लगाई जा रही है।”

याचिका में कहा गया है कि मनीष सिसोदिया उप-मुख्यमंत्री के जिम्मेदार पद पर हैं। उन्होंने जानबूझकर समाज में वैमनस्य पैदा करने के लिए यह ट्वीट किया। याचिका में मांग की गई है कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा-153, 153ए, 504 और 505 के तहत एफआईआर दर्ज करने करने का आदेश दिया जाए।

 


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