जोधपुर, 08 जुलाई (हि.स.)। पोकरण फायरिंग रेंज ने एक बार फिर सोमवार की सुबह एंटी टैंक स्वदेशी मिसाइल नाग का सफल परीक्षण करके इतिहास रच दिया। पाकिस्तान का पसीना छुड़ाने की क्षमता रखने वाली स्वदेशी नाग एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का दिन और रात के समय तीन बार सफल परीक्षण किया गया जो पूरी तरह से सफल रहा।
डीआरडीओ की ओर से विकसित और भारत डॉयनामिक्स लिमिटेड की तरफ से निर्मित नाग मिसाइल सेना की ओर से तय मापदंडों पर एकदम खरी उतरी। यहां पर पहले दो बार हो चुके परमाणु परीक्षण के बाद सेना इसे मिसाइल परीक्षणों के लिए उपयुक्त मानती आ रही है।
मारक क्षमता को देखा
सैन्य सूत्रों के अनुसार वैज्ञानिकों की उपस्थिति में सेना ने इसकी मारक क्षमता जांची। इस क्षेत्र में अलग-अलग मौसम में नाग मिसाइल के पूर्व में भी परीक्षण किए जा चुके हैं। रक्षा मंत्रालय नाग मिसाइल को सेना के लिए खरीदने का ऑर्डर पहले ही दे चुका है। नाग मिसाइल के उन्नत वर्जन में इंफ्रारेड सिस्टम लगाया गया है। इस कारण अब यह अपने लक्ष्य का आसानी से पहचान कर सकती है।
पांच किलोमीटर तक मारक क्षमता
सैन्य सूत्र बताते है कि पांच सौ मीटर से लेकर पांच किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली यह मिसाइल एक बार में आठ किलोग्राम वारहैड लेकर जाती है। 42 किलोग्राम वजन वाली नाग मिसाइल 1.90 मीटर लम्बी होती है। यह 230 मीटर प्रति सेकेण्ड की रफ्तार से अपने लक्ष्य पर प्रहार करती है। ऊंचाई पर जाकर यह टैंक के ऊपर से हमला करती है। रणक्षेत्र में सैनिक शत्रु के टैंक को देखने के बाद उन्हें उड़ाने के लिए नाग मिसाइल दागते सकते हैं, इसलिए इसकी रेंज कम रखी गई है। यह मिसाइल फायर एंड फोरगेट सिस्टम पर काम करती है।