पीएमओ ने की ‘कोविड-19’ से निपटने के लिए किये गए कार्यों की समीक्षा

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प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव ने अधिकारियों के उच्‍चाधिकार प्राप्त समूहों के साथ की बैठक 



नई दिल्ली, 10 अप्रैल (हि.स.)। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने कोविड-19 (कोरोना वायरस) महामारी के फैलाव  और उसके कारण सामने आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए अधिकारियों के उच्चाधिकार प्राप्त समूहों के साथ एक अहम बैठक की। इस बैठक में पूर्णबंदी (लॉकडाउन) के दौरान आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता के लिए आपूर्ति श्रृंखला (सप्‍लाई चेन) एवं लॉजिस्टिक्स के प्रबंधन, संबंधित हितधारकों के लाभ के लिए किए गए प्रयासों, सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए किसानों को अपनी फसलों की कटाई में सहायता करने के लिए उठाए गए कदमों पर चर्चा की गई।

प्रधान सचिव की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में  इस महामारी से उपजी चुनौतियों के साथ ही जनता में विश्वास बहाली के लिए आगे और आवश्यक उपाय करने तथा गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का प्रचार-प्रसार जमीनी स्तर तक सुनिश्चित करने की आवश्‍यकता से जुड़े मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया। प्रधान सचिव ने उच्‍चाधिकार प्राप्त समूहों द्वारा इस दिशा में किए गए प्रयासों की समीक्षा की। इस अवसर पर उपस्थित शीर्ष अधिकारियों ने इस संक्रामक रोग और संक्रमित लोगों की पहचान के लिए विस्तृत परीक्षण (टेस्टिंग) प्रोटोकॉल एवं प्रक्रिया की समीक्षा की और उन पर संतोष व्यक्त किया, जिसके तहत (अब तक) 1,45,916 सैंपल का परीक्षण किया गया है।

इस अवसर पर यह जानकारी दी गई कि राज्यों के सभी मुख्य सचिवों को प्रवासियों और बेघरों जैसे कमजोर समूहों या तबकों के लिए आश्रय की व्यवस्था करने के निर्देश जारी किए गए थे। इसके अलावा, केंद्र इस सबंध में राज्यों के साथ निरंतर संपर्क में है और जिला स्तर पर निगरानी की जा रही है। निजी सुरक्षात्‍मक उपकरणों (पीपीई) का उत्पादन स्‍तर बढ़ाया जा रहा है और स्वास्थ्य कर्मियों का क्षमता निर्माण सुनिश्चित किया जा रहा है। गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) और सिविल सोसायटी समूहों को भी एकजुट किया जा रहा है। प्रधान सचिव ने सुझाव दिया कि जिला स्तर पर गैर सरकारी संगठनों के साथ सही ढंग से समन्वय किया जाए, ताकि ओवरलैप (एक ही काम कई व्‍यक्‍ति‍यों या एजेंसियों द्वारा करना) से बचने के साथ-साथ संसाधनों का प्रभावकारी उपयोग भी सुनिश्चित किया जा सके। बैठक में ‘पीएम गरीब कल्याण योजना’ के तहत आर्थिक राहत पैकेज के माध्यम से कल्याणकारी उपायों की दिशा में अब तक हुई प्रगति की भी समीक्षा की गई। प्रधान सचिव ने यह बात रेखांकित की कि डेटा की शुद्धता या सटीकता अत्‍यंत महत्वपूर्ण है, ताकि‍ सभी निर्दिष्‍ट लाभार्थियों तक लाभ पहुंचाना सुनिश्चित किया जा सके।

प्रधान सचिव ने अधिकारियों के साथ देश भर में समय पर सूचनाओं का प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों पर चर्चा की और इसके साथ ही क्षेत्रीय भाषाओं में संवाद के जरिए अंतिम आदमी तक पहुंचना सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया। प्रौद्योगिकी और डेटा प्रबंधन पर चर्चा के दौरान ‘आरोग्य सेतु’ एप की लॉन्चिंग पर संतोष व्यक्त करते हुए यह महसूस किया गया कि इस एप के साथ उपयोगकर्ताओं (यूजर) का जुड़ाव बढ़ाने की आवश्यकता है। बैठक में प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ-साथ भारत सरकार के अधीनस्‍थ अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

 


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