…जब पीएम ने किया सेना के जांबाज सोफी और विडा का जिक्र

0

स्वतंत्रता दिवस पर सेना प्रमुख ने ‘​​कमेंडेशन कार्ड्स’ से ​किया था ​​​सम्मानित​ प्रधान मंत्री ने ‘मन की बात’ में सुरक्षाबलों के कुत्तों की बहादुरी के किस्से सुनाये



​नई दिल्ली, 30 अगस्त (हि.स.)। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ​​’मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम में संबोधन के दौरान देश में विभिन्न सुरक्षा अभियानों में कुत्तों की भूमिका के बारे में बात की। उन्होंने भारतीय सेना के कुत्तों ​​विडा, एक लैब्राडोर और एक कॉकर स्पैनियल सोफी की सराहना की, जिन्हें 74वें ​​स्वतंत्रता दिवस पर सेना प्रमुख ने ‘​​कमेंडेशन कार्ड्स’ से सम्मानित किया था।​ उत्तरी कमान में स्थित आर्मी डॉग यूनिट के​ ​विडा ​​ने पांच विस्फोटक सुरंगों का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।​ इसी तरह स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (बम डिस्पोजल ​​स्क्वाड) की सोफी एक विस्फोटक डिटेक्शन डॉग है।​ प्रधानमंत्री ने अपने कर्तव्य निभाने के लिए ​सेना के इन ​कुत्तों ​की प्रशंसा करते हुए लोगों से ​स्थानीय नस्लों के कुत्तों को ​पा​लने का भी आग्रह किया​​। ​
प्रधान मंत्री​ ​ने कहा कि बीते दिनों जब हम अपना स्वतंत्रता दिवस मना रहे थे, तब एक दिलचस्प खबर पर मेरा ध्यान गया। ये खबर है हमारे सुरक्षाबलों के दो ​​जांबाज किरदारों की, इनमें एक है सोफी और दूसरी विडा। सोफी और विडा भारतीय सेना के श्वान हैं और उन्हें सेना प्रमुख ने ​’कमेंडेशन कार्ड्स’ ​​से सम्मानित किया है​​।​ इन्हें यह सम्मान इसलिए मिला, क्योंकि इन्होंने अपने देश की रक्षा करते हुए​ ​अपना कर्तव्य बखूबी निभाया है​​।​ हमारी सेनाओं में, हमारे सुरक्षाबलों के पास ऐसे कितने ही बहादुर श्वान ​हैं, जो देश के लिये जीते हैं और देश के लिये अपना बलिदान भी देते हैं​​।​ ​कितने ही बम धमाकों को​ और कितनी ही ​आतंकी साजिशों को रोकने में ​इन्होंने​ बहुत अहम भूमिका निभाई है​​।
​​प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कुछ समय पहले मुझे देश की सुरक्षा में​ कुत्तों की भूमिका के बारे में बहुत विस्तार से जानने को मिला​​।​ ​कई किस्से भी सुने​​।​​ एक बलराम ​नाम के कुत्ते ​ने 2006 में अमरनाथ यात्रा के रास्ते में बड़ी मात्रा में गोला-बारूद खोज निकाला था​​​​।​ इसी तरह 2002 में ​डॉग भावना ने ​आईईडी खोजा था​ लेकिन इसे निकालने के दौरान​ आतंकियों ने विस्फोट कर दिया और श्वान शहीद हो गया​।​ दो-तीन वर्ष पहले छत्तीसगढ़ के बीजापुर में ​सीआरपीएफ का ​स्निफर डॉग ​‘​क्रैकर​’ भी ​आईईडी ब्लास्ट में शहीद हो गया था​​।​ ​कुछ दिन पहले ही आपने शायद ​टीवी पर एक बड़ा भावुक करने वाला दृश्य देखा होगा, जिसमें बीड पुलिस अपने साथी ​डॉग​ रॉकी को पूरे सम्मान के साथ आख़िरी विदाई दे रही थी​​।​ रॉकी ने 300 से ज्यादा मामलों को सुलझाने में पुलिस की मदद की थी​​​​।​
पीएम मोदी ने कहा कि डॉग्स की आपदा प्रबंधन​ और बचाव मिशन​​ में भी बहुत बड़ी भूमिका होती हैं​​​​।​ भारत में तो ​​​राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल ​(एनडीआरएफ)​ ने ऐसे दर्जनों ​डॉग्स को ​विशेष रूप से प्रशिक्षित किया है​ जो कहीं भूकंप आने पर, ​इ​मारत गिरने पर, मलबे में दबे जीवित लोगों को खोज निकालने में विशेषज्ञ होते हैं​​​​।​ ​​​प्रधानमंत्री ने कहा कि ​​मुझे यह भी बताया गया कि ​भारतीय नस्ल के कुत्ते भी बहुत अच्छे​ और बहुत सक्षम होते हैं​​।​ भारतीय नस्ल में मुधोल हाउंड​ और हिमाचली हाउंड बहुत ही​ शानदार हैं​​​​​​​​​।​ राजापलायम, कन्नी, चिप्पीपराई और कोम्बाई भी बहुत ​अच्छी ​भारतीय नस्ल ​​हैं, ​जिन्हें पालने में खर्च भी काफी कम आता है और ये भारतीय माहौल में ​ढले भी होते हैं​​।​
​​​प्रधानमंत्री ने कहा कि ​अब हमारी सुरक्षा एजेंसि​यां भी इन ​भारतीय नस्ल के ​डॉग्स को अपने सुरक्षा दस्ते में शामिल कर रही हैं​​​​।​ पिछले कुछ समय में आर्मी, ​सीआईएसएफ, ​एनएसजी ने मुधोल हाउंड ​डॉग्स को ​प्रशिक्षित करके ​डॉग ​स्क्वाड​ ​में शामिल किया है​​​।​ सीआरपीएफ ने कोम्बाई ​डॉग्स को शामिल किया है​​​​​​​​।​ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद​ ​भी भारतीय नस्ल के ​डॉग्स पर​ रिसर्च कर रही है​​।​ मकसद यही है कि ​भारतीय नस्ल को और बेहतर और उपयोगी बनाया जा सके​​।​ आप ​इंटरनेट पर इनके नाम ​सर्च करिए, इनके बारे में जानिए, आप इनकी खूबसूरती, इनकी ​​​क्वालिटी देखकर हैरान हो जाएंगे​​।​ अगली बार जब भी आप​ डॉग पालने की सोचें​ तो किसी ​भारतीय नस्ल के ​डॉग को घर ​लाएं​।​ आत्मनिर्भर भारत जब जन-मन का मन्त्र बन ही रहा है तो कोई भी क्षेत्र इससे पीछे कैसे छूट सकता है​​।​​

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *