PM की गैरआधिकारिक यात्राओं का खर्च वायुसेना को देता है PMO
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम राजीव गांधी पर आईएनएस विराट को पर्सनल टैक्सी के तौर पर इस्तेमाल किए जाने को लेकर हमला बोला. पीएम मोदी के आरोप के बाद कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि मोदी ने भारतीय वायुसेना के जेट विमानों को चुनावी यात्राओं के लिए अपनी टैक्सी के रूप में इस्तेमाल किया. वह चुनावों में आने जाने के लिए कम से कम 744 रूपये की राशि वायुसेना के विमान के इस्तेमाल पर दे रहे हैं. वहीं वायुसेना के सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी को पिछले पांच साल की गैरआधिकारिक यात्राओं के लिए कोई छूट नहीं दी गई.
सूत्रों के मुताबिक जब भी प्रधानमंत्री को आधिकारिक ड्यूटी के अलावा किसी और कार्य या चुनावी दौरे के लिए वायुसेना के हेलिकॉप्टर या जहाज की जरूरत होती है तो पीएमओ वायुसेना को एक पत्र भेजता है. उसके बाद वायुसेना उस पर कार्रवाई करती है.
सूत्रों के अनुसार एयरफोर्स नियम के मुताबिक आधिकारिक कार्यों के अलावा वायुसेना के हेलिकाप्टर और जहाज का इस्तेमाल सिर्फ प्रधानमंत्री ही कर सकते हैं. ये नियम पिछले 70 साल से जारी है. जहाज का इस्तेमाल होने के बाद बिल तैयार किया जाता है. बिल तैयार करते समय कौन सा जहाज, कितनी दूरी, कितना क्रू इस्तेमाल हुआ, इन सब चीज़ों का ध्यान रखा जाता है. इसके बाद बिल बनाकर पीएमओ को भेज दिया जाता है.
बिल वायुसेना का ट्रांसपोर्ट विभाग तैयार करता है. उसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय बिल की रकम सीडीए में जमाकर उसकी कॉपी वायुसेना को भेज देता है. दरअसल, एक आरटीई में कहा गया कि पिछले पांच साल की प्रधानमंत्री मोदी 240 गैरआधिकारिक यात्राओं के लिए पीएमओ ने वायुसेना को मात्र 1.4 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया.
वायुसेना के सूत्रों के मुताबिक हर यात्रा के दौरान बिल की धनराशि अलग-अलग होती है. वायुसेना ने अब किसी प्रधानमंत्री की किसी भी गैरसरकारी यात्रा में कभी भी नियमों की अनदेखी नहीं की है. इस सिलसिले में किसी तरह का कोई विवाद ठीक नहीं है.