नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरदार पटेल के भारत को एकजुट करने की दिशा में किए गए प्रयासों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा है कि एक तरफ जूनागढ़ और हैदराबाद जैसी बड़ी रियासतों पर उनका ध्यान केंद्रित था तो दूसरी ओर उन्होंने अपनी नजर लक्षद्वीप जैसे छोटे दीप समूह पर भी टिका रखी थी। पड़ोसी देश से पहले उन्होंने अपने प्रयासों से वहां राष्ट्रीय ध्वज फहराया। प्रधानमंत्री ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती जिसे राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है के उपलक्ष्य पर देश के पहले गृहमंत्री को याद किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के प्रथम गृहमंत्री के रूप में सरदार बल्लभ भाई पटेल ने रियासतों को एक करने का बड़ा भगीरथ और ऐतिहासिक काम किया। उनकी विशेषता थी कि कि उनकी नजर हर जगह टिकी थी। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने लक्षद्वीप जैसी छोटे द्वीप समूह को भारत में मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1947 में भारत विभाजन के तुरंत बाद पड़ोसी देश की नजर लक्षद्वीप पर थी और उसने अपने झंडे के साथ जहाज भेजा था। सरदार पटेल को जैसे ही इस बात की जानकारी मिली उन्होंने बगैर समय गंवाए कठोर कार्रवाई की।
उन्होंने मुदालयर भाइयों से कहा कि वह त्रावणकोर से लोगों को तुरंत वहां भेजें और लक्षद्वीप में तिरंगा फहराएं। उनके आदेश के फौरन बाद वहां तिरंगा फहराया गया और लक्षद्वीप पर कब्जा करने के पड़ोसी देश के हर मंसूबे देखते-देखते ध्वस्त हो गए। मोदी ने कहा कि संविधान सभा में उल्लेखनीय भूमिका निभाने के लिए हमारा देश सरदार पटेल का सदैव कृतज्ञ रहेगा। उन्होंने मौलिक अधिकारों को सुनिश्चित करने का महत्वपूर्ण कार्य किया जिससे जाति और संप्रदाय के आधार पर होने वाले किसी भेदभाव की गुंजाइश न बचे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सरदार पटेल हर चीज को बहुत ही बारीकी से देखते और परखते थे। उन्हें ‘मैन ऑफ डिटेल’ भी कहा जा सकता है। संगठन कौशल में वह बहुत निपुण थे। एक बार 1921 में अहमदाबाद में कांग्रेस का अधिवेशन हुआ। इस दौरान सरदार पटेल ने अवसर का उपयोग करते हुए स्थानीय स्तर पर जलापूर्ति का नेटवर्क खड़ा किया। वहीं अधिवेशन में शामिल होने आए लोगों के जूते-चप्पल चोरी न हो जाएं इसको ध्यान में रखते हुए स्थानीय किसानों से खादी के बैग बनवाएं। इन बैग में आगंतुकों ने अपने जूते व चप्पलें रखीं और उसको साथ लेकर चलते रहे।
उन्होंने ने सरदार पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा को हर भारतीय के लिए गर्व करने वाली उपलब्धि बताते हुए कहा कि एक वर्ष के अंदर 26 लाख से अधिक पर्यटक इसे देखने पहुंचे हैं। इसका अर्थ है कि प्रतिदिन साढ़े हजार लोगों ने सरदार पटेल की प्रतिमा को देखा है। उन्होंने कहा कि अब वहां पर कैक्टस गार्डन, बटरफ्लाई गार्डन, जंगल सफारी, चिल्ड्रन न्यूट्रिशन पार्क, एकता नर्सरी जैसे अनेक आकर्षण के केंद्र विकसित हो रहे हैं जिसका स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ मिल रहा है और लोगों को नए नए रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। कई गांव वालों ने अपने घरों में आगंतुक पर्यटकों के लिए होमस्टे की सुविधा भी उपलब्ध करवाई है। इसके लिए उन्हें प्रोफेशनल ट्रेनिंग दी जा रही है। वहां के लोग अब ड्रैगन फूड की खेती कर रहे हैं। जल्द ही यह इन लोगों की आजीविका का प्रमुख स्रोत बन जाएगा।
मोदी ने कहा कि ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ पर्यटन उद्योग के लिए अध्ययन का विषय बन सकता है। साल के अंदर यह विश्व प्रसिद्ध पर्यटन केंद्र के तौर पर विकसित हो गया है। टाइम्स मैगजीन ने दुनिया के 100 महत्वपूर्ण पर्यटन आकर्षण में स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को भी स्थान दिया है। उन्हें आशा है कि लोग समय निकालकर इसे देखने जाएंगे और अपने परिवार के साथ भारत के कम से कम 15 पर्यटन केंद्रों पर परिवार के साथ जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस पर एक लक्ष्य-एक भारत, श्रेष्ठ भारत की दिशा में बढ़ने और प्रतीक के तौर पर ‘रन फॉर यूनिटी’ में भाग लेने का आग्रह किया। रन फॉर यूनिटी को फिट इंडिया के भाव से जोड़ते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मन और संस्कार भारत की एकता के लिए बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में देश के शहरों, केंद्रशासित प्रदेशों, जिला केंद्रों में बड़ी संख्या में महिला, पुरुष, नौजवान, वृद्ध, दिव्यांगजन इसमें शामिल हो रहे हैं। आजकल दुनिया में मैराथन का शौक और जुनून बढ़ रहा है इसी को देखते हुए रन ऑफ यूनिटी एक अनोखा प्रावधान हमारे सामने रखता है।