नई दिल्ली, 25 सितम्बर (हि.स.) । अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अपील को एक महत्वपूर्ण पहल करार दिया है। आईएमएफ ने ये बात गुरुवार को कही है। आईएमएफ संचार विभाग के निदेशक गेरी राइस ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद घोषित आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत दिए गए आर्थिक पैकेज भारतीय अर्थव्यवस्था को सहारा देने के साथ -साथ बड़े जोखिमों को कम किया है। इसलिए हम इस पहल को बेहद अहम मानते हैं।
राइस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान से जुड़े एक सवाल पर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा था कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। इसके अंतगर्त उन नीतियों को लागू किया जाएगा, जिससे अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण पहलुओं को दक्ष और प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य ‘दुनिया के लिए उत्पादन’ करने का है। इसके लिए नीतियों को ध्यान केंद्रित करने की वरीयता दी जा रही है और वैश्विक वैल्यू चेन में भारत की भूमिका बढ़ जाएगी। इसमें कारोबार, निवेश और टेक्नोलॉजी शामिल होंगे।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र के अलावा अन्य ढांचागत सुधार की जरूरत है, ताकि मध्यावधि में बेहतर और सतत विकास संभव हो सके। उन्होंने कहा कि भारत के नीति आयोग और वित्त मंत्रालय के साथ आईएमएफ का संयुक्त अध्ययन यह दिखाता है कि स्वास्थ्य संबंधी सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने में बेहतर प्रदर्शन के लिए भारत को धीरे-धीरे स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपना कुल खर्च बढ़ाना होगा।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने कोरोना संकट के इस दौर में देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया था। इस पैकेज को आत्मनिर्भर भारत अभियान का नाम दिया गया है।