नई दिल्ली, 01 अक्टूबर (हि.स.)। भारत के वीवीआईपी बेड़े के लिए ‘एयर इंडिया वन’ का इंतजार अब खत्म हो गया है, क्योंकि गुरुवार को एक हाई-टेक विमान दिल्ली एयरपोर्ट पर उतर चुका है। इसका इस्तेमाल प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की उड़ान के लिए किया जाएगा, जिसे वायु सेना के पायलट उड़ाएंगे। मिसाइल डिफेंस सिस्टम से लैस ‘एयर इंडिया वन’ में अशोक की लाट बनी है जिसके एक तरफ हिन्दी में ‘भारत’ और दूसरी तरफ अंग्रेजी में ‘INDIA’ लिखा है। साथ ही विमान की पूंछ पर बना ‘तिरंगा’ भारत की शान दर्शा रहा है।
मिसाइल डिफेंस सिस्टम से लैस बोइंग-777 को लाने के लिए एयर इंडिया के इंजीनियरों की टीम और भारतीय वायु सेना के पायलट कई दिन पहले अमेरिका पहुंच गए थे। विमान ने बुधवार को अमेरिका से उड़ान भरी और आज शाम को 3 बजकर 10 मिनट पर दिल्ली के पालम टेक्निकल एरिया में उतरा है। वीवीआईपी विमानों की आपूर्ति पहले जुलाई में होनी थी लेकिन कोरोना महामारी के कारण नहीं हो पाई। इसके बाद सितम्बर के मध्य में एक विमान और दूसरा सितम्बर के अंत तक भारत को मिलना था। इसके लिए भारत से एक टीम अमेरिका पहुंच गई थी लेकिन कुछ तकनीकी सुझाव आने के कारण आपूर्ति नहीं हो पाई। इसलिए अब एक वीवीआईपी एयरक्राफ्ट की आपूर्ति की गई है जबकि दूसरे की कुछ दिनों बाद होगी।
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधान मंत्री के लिए दो वीवीआईपी एयर इंडिया वन विमानों में से पहला विमान गुरुवार को भारत पहुंचा है। भारत को मिले ‘एयर इंडिया वन’ में भारत सरकार के ऑर्डर पर बड़े मिसाइल इन्फ्रारेड काउंटरमेशर (एलएआईआरसीएम) और सेल्फ-प्रोटेक्शन सूट (एसपीएस) नामक अत्याधुनिक मिसाइल रक्षा प्रणाली फिट की गई है। मौजूदा समय में प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति घरेलू यात्रा के लिए भारतीय वायु सेना के विमान और अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए एयर इंडिया के बोइंग-747 में उड़ान भरते हैं। इनके आने के बाद एयर इंडिया वीवीआईपी बेड़े से 25 साल पुराने बोइंग-747 विमान हटा लिये जाएंगे। यह दोनों विमान भारतीय वायुसेना के पायलट उड़ाएंगे। विमानों का मेंटेनेंस एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (एआईईएसएल) द्वारा किया जाएगा।
एयर इंडिया वन विमान पूर्ण हवाई कमान केंद्र की तरह काम करते हैं, जिनके अत्याधुनिक ऑडियो-वीडियो संचार को टैप या हैक नहीं किया जा सकता। दोनों विमान एक तरह से मजबूत हवाई किले की तरह हैं। राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री के लिए नए भारतीय विमान में उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट की सुविधा है जो विमान को न केवल हमले से रोक सकते हैं बल्कि हमले के समय जवाबी कार्रवाई भी कर सकते हैं। यह पहला भारतीय विमान है जो सेल्फ-प्रोटेक्शन सूट (एसपीएस) से लैस होने के नाते दुश्मन के रडार सिग्नल्स को भी जाम कर सकता है और पास आने वाली मिसाइलों की दिशा भी मोड़ सकता है। इस विमान के अंदर एक कॉन्फ्रेंस रूम, वीवीआईपी यात्रियों के लिए एक केबिन, एक मेडिकल सेंटर और अन्य गण्यमान्य व्यक्तियों, स्टाफ के लिए सीटें हैं। यह विमान एक बार ईंधन भरने के बाद लगातार 17 घंटे तक उड़ान भर सकेगा।
भारत में अभी वीवीआईपी बेड़े के विमान सिर्फ 10 घंटे तक ही लगातार उड़ सकते हैं। वायु सेना के विमानों की तरह ही इन नए विमानों की भी उड़ने में असीमित रेंज होगी जो एक बार में दुनिया भर की यात्रा कर सकता है। इमरजेंसी की स्थिति में प्लेन मिड-एयर रीफ्यूल करने में भी सक्षम होगा। ट्विन जीई90-115 इंजन वाला ‘एयर इंडिया वन’ अधिकतम 559.33 मील प्रति घंटे की रफ़्तार से उड़ सकता है। इनमें सफेद, हल्का नीला और नारंगी रंग है। हल्का नीला और सफेद रंग का इस्तेमाल अधिक किया गया है जबकि नारंगी रंग की हवाई जहाज के बीच में लाइन दी गई है। देखने में यह बहुत सुंदर लग रहा है। ‘एयर इंडिया वन’ में अशोक की लाट बनी है जिसके एक तरफ हिन्दी में ‘भारत’ और दूसरी तरफ अंग्रेजी में ‘INDIA’ लिखा है। साथ ही विमान की पूंछ पर बना ‘तिरंगा’ भारत की शान दर्शा रहा है।