‘भारत-वियतनाम की साझेदारी भारत-प्रशांत की शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण’
नई दिल्ली, 21 दिसम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि वियतनाम भारत-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण साझेदार है और दोनों देशों की यह साझेदारी क्षेत्र में शांति और स्थिरता में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को वियतनाम के प्रधानमंत्री नुएन युआन फुक के साथ वर्चुअल शिखर वार्ता की। इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया। दोनों देशों के बीच रक्षा, सुरक्षा, पेट्रोकेमिकल, अक्षय ऊर्जा और कैंसर जैसे मुद्दों पर सात करार भी हुए।
मोदी ने कहा, “इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए शांति, स्थिरता और प्रगति हमारे साझा उद्देश्य हैं। क्षेत्र में शांति और स्थिरता स्थापित करने के लिए हम दोनों की साझेदारी महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि वियतनाम भारत की इस पॉलिसी का महत्वपूर्ण स्तंभ है और भारत प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण सहयोगी है। उन्होंने कहा कि भारत और वियतनाम के बीच विभिन्न क्षेत्रों में संबंध तेजी से बढ़ने के साथ ही व्यापक हो रहे हैं। अगले वर्ष दोनों देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य बनेंगे और वैश्विक परिदृश्य में इससे सहयोग और सुदृढ़ होगा।
इस दौरान दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों से जुड़ा संयुक्त विजन से जुड़ा अगले तीन साल का ‘प्लान ऑफ एक्शन’ जारी किया।साथ ही प्रधानमंत्री ने अपने शुरुआती भाषण में वियतनाम में बाढ़ से हुए नुकसान पर दु:ख जताया और कोविड-19 महामारी से निपटने में देश के प्रयासों को मिली सफलता पर उन्हें बधाई दी।