नई दिल्ली, 26 नवम्बर (हि.स.) । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि भारत दुनिया में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश का पसंदीदा गंतव्य बन रहा है। पिछले कुछ समय में क्षेत्र में 64 अरब डॉलर का निवेश हुआ है और भारत इस क्षेत्र में वैश्विक उत्पादन हब बनना चाहता है।उन्होंने वैश्विक निवेशकों से भारत के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अक्षय ऊर्जा के तीसरे वैश्विक निवेश एक्सपो के उद्घाटन सत्र में यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता दुनिया में चौथी सबसे बड़ी है। यह सभी देशों में सबसे तेज गति से बढ़ रही है।पिछले 6 वर्षों में भारत ने इस क्षेत्र में अद्वितीय यात्रा की है।हम अपनी पीढ़ी की क्षमता और नेटवर्क का विस्तार कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने वैश्विक निवेशकों से भारत के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के प्रयासों के चलते देश के हर गांव और घर तक बिजली पहुंच चुकी है। जल्द ही भारत में ऊर्जा की मांग बढ़ने वाली है।
उन्होंने कहा कि भारत में निवेश के लिए खुला माहौल मौजूद है और दुनिया के निवेशक स्वयं व भारतीय पार्टनर के साथ निवेश कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की ऊर्जा नीति तकनीकी क्रांति के साथ तालमेल बिठाकर चल रही है। भारत व्यापार करने में आसानी को प्राथमिकता दे रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले दशक में भारत में अक्षय ऊर्जा से जुड़ी कई योजनाएं आ रही हैं जिसके चलते प्रतिवर्ष 20 बिलियन डॉलर की व्यवसायिक संभावनाएं पैदा होंगी। वह निवेशकों, डेवलपर्स और व्यापारियों को भारत के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ने के लिए आमंत्रित करते हैं।
उन्होंने कहा कि निवेशकों की सुविधा के लिए भारत में समर्पित परियोजना विकास प्रकोष्ठों की स्थापना की गई है। इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में पीएलआई की सफलता के बाद सरकार ने उच्च दक्षता वाले सौर मॉड्यूल को समान प्रोत्साहन देने का फैसला किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम सौर ऊर्जा का लाभ उठाने के लिए वनसन वन वर्ड और 1 ग्रेड के बारे में सोच रहे हैं। कुछ ही समय में हमारी ओर से बनाई गई है योजनाएं वास्तविकता का रूप ले लेंगी।